Ayodhya Ram Mandir: 'अशोक वाटिका' की शिला का राम मंदिर में होगा उपयोग, श्रीलंका से अयोध्या लाया जा रहा है पत्थर
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. राम मंदिर में माता सीता को भी खास स्थान दिया जाएगा. इस मंदिर में माता जानकी को खास स्थान देने के भाव से रामलला मंदिर में श्रीलंका के अशोक वाटिका स्थित सीता एलिया के पत्थर का उपयोग किया जाएगा. इस पवित्र शिला को श्रीलंका से अयोध्या लाया जा रहा है.
Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम के भव्य मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. राम मंदिर में माता सीता (Mata Sita) को भी खास स्थान दिया जाएगा. इस मंदिर में माता जानकी को खास स्थान देने के भाव से रामलला मंदिर में श्रीलंका के अशोक वाटिका (Ashok Vatika) स्थित सीता एलिया (Sita Eliya) के पत्थर का उपयोग किया जाएगा. इस पवित्र शिला को श्रीलंका (Shri Lanka) से अयोध्या लाया जा रहा है. दरअसल, लंकापति रावण ने माता सीता को अपहरण के बाद जिस स्थान पर कैद करके रखा था, उसे सीता एलिया के तौर पर जाना जाता है. अशोक वाटिका में स्थित सीता एलिया पत्थर को श्रीलंका के राजदूत मिलिंदा मारागोदा को सौंप दिया गया है और अब इसे अयोध्या लाया जा रहा है.
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, दशानन रावण ने अशोक वाटिका में माता सीता को करीब 11 महीने तक बंदी बनाकर रखा था. तीन पहाड़ियों में से एक सुंदर पर्वत पर स्थित सीता एलिया की एक शिला को श्रीलंका के हाईकोर्ट की तरफ से मौजूद श्रीलंका के राजदूत मिलिंदा मारागोदा भारत लेकर आएंगे और सीता एलिया की एक शिला का उपयोग राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा. यह भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर की तर्ज पर संवारे जाएंगे यूपी के बाराबंकी से आयोध्या तक के सभी रेलवे स्टेशन
बता दें कि वर्तमान में इस स्थान पर श्रीराम-जानकी का एक बहुत ही मनमोहक मंदिर स्थित है, जिसे सीता अम्मन कोविल के नाम से जाना जाता है. माता जानकी का यह पवित्र स्थल नुआरा एलिया से उदा घाटी तक जाने वाली एक सड़क पर 5 मील की दूरी पर मौजूद है. कहा जाता है कि सीता एलिया में आज भी पवनपुत्र हनुमान के पदचिह्न मौजूद हैं. कहा जाता है कि इस स्थान पर लाखों की तादात में मौजूद अशोक के वृक्षों के कारण ही इस इलाके को अशोक वाटिका के नाम से जाना जाता था.