Devanshi Sanghvi: आलीशान जिंदगी छोड़कर 9 साल की बच्ची बनी सन्यासी, 35 हजार लोगों की मौजूदगी में ली दीक्षा
देवांशी के पिता सूरत में हीरा व्यापार करने वाली लगभग तीन दशक पुरानी कंपनी ‘संघवी एंड संस’ के मालिक हैं. नाबालिग लड़की की ‘दीक्षा’ उसके तपस्वी जीवन में प्रवेश का प्रतीक है. समारोह पिछले शनिवार को शुरू हुआ था.
सूरत, 18 जनवरी: गुजरात के एक धनी हीरा व्यापारी की नौ साल की बेटी ने भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर बुधवार को जैन साध्वी के तौर पर दीक्षा ली. परिवार के एक करीबी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धनेश और अमि सांघवी की दो बेटियों में से बड़ी बेटी देवांशी ने सूरत वेसु इलाके में जैन मुनि आचार्य विजय कीर्तियशसुरि की उपस्थिति में दीक्षा ली. इस मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे. NCERT Books in Madarsas: स्कूल की तरह मदरसों में भी NCERT की किताबों से होगी पढ़ाई, टीचरों को दी जाएगी ट्रेनिंग
देवांशी के पिता सूरत में हीरा व्यापार करने वाली लगभग तीन दशक पुरानी कंपनी ‘संघवी एंड संस’ के मालिक हैं. नाबालिग लड़की की ‘दीक्षा’ उसके तपस्वी जीवन में प्रवेश का प्रतीक है. समारोह पिछले शनिवार को शुरू हुआ था.
पारिवारिक मित्र नीरव शाह ने कहा कि देवांशी का झुकाव बहुत कम उम्र से ही आध्यात्म की ओर था और उन्होंने अन्य मुनियों के साथ लगभग 700 किलोमीटर की पैदल यात्रा की थी.
उन्होंने कहा कि देवांशी पांच एं जानती है.
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