नयी दिल्ली, 2 अप्रैल : केंद्र सरकार (Central Government) ने पंजाब सरकार को सूचित किया है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के मानसिक रूप से कमजोर 58 लोग राज्य के सीमावर्ती जिलों में बंधुआ मजदूरों के रूप में काम करते पाये गये और इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए राज्य को उचित कार्रवाई करनी चाहिए. पंजाब के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (BSf) को पता चला है कि इन 58 लोगों को अच्छी पगार के वादे के साथ पंजाब लाया गया था लेकिन इनका शोषण किया गया और इन्हें नशीले पदार्थ देकर अमानवीय स्थितियों में काम करने को बाध्य किया गया.
गृह मंत्रालय ने बताया कि बीएसएफ ने सूचित किया है कि इन श्रमिकों को 2019 और 2020 में पंजाब के सीमावर्ती इलाकों गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और अबोहर से बचाया गया. यह भी पढ़ें : Assam Assembly Elections 2021: असम में प्राइवेट कार में मिली ईवीएम, बीजेपी और चुनाव आयोग पर जमकर बरसा विपक्ष
पीटीआई- को प्राप्त हुई पत्र की प्रति के अनुसार, ‘‘पूछताछ के दौरान पता चला कि अधिकतर श्रमिक मानसिक रूप से कमजोर थे और पंजाब के सीमावर्ती गांवों में किसानों के साथ बंधुआ मजदूरों की तरह काम कर रहे थे.’’