ट्रेनों में अब नियमित तौर पर होगी खानपान की जांच, 50 फूड सेफ्टी सुपरवाइजर होंगे तैनात

रेलवे के अनुसार यात्रियों को शुद्ध, स्वादिष्ट और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम बेस किचन में भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच की पहल करने जा रहा है.

(Photo Credit IRCTC/Twitter)

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railway) अब नियमित तौर पर ट्रेन में यात्रियों को मिलने वाले खानपान की जांच करेगी. कोविड-19 नियमों के तहत इसमें ढील दी गई थी. जांच रिपोर्ट तैयार की जायेगी, शिकायत मिलने पर उसे दूर भी किया (Regular Catering Checks) जाएगा. रेलवे के अनुसार यात्रियों को शुद्ध, स्वादिष्ट और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत बेस किचन में भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच की पहल करने जा रहा है. रेलवे की ओर से इस काम के लिए खासतौर पर फूड सेफ्टी सुपरवाइजर (Food Safety Supervisors) तैनात किए जाएंगे. Bihar: मधुबनी में स्टेशन पर खड़ी खाली ट्रेन में लगी आग, किसी के हताहत होने की खबर नहीं

खाद्य सामग्री की जांच के लिए निजी लैब की मदद ली जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान यात्रियों की संतुष्टि का ख्याल रखा जाएगा. उनके सुझाव से खानपान की सामने आ रही कमियां दुरुस्त भी किया जाएगा. हालांकि कोरोना महामारी के मद्देनजर ट्रेनों में यात्रियों को भोजन नहीं परोसा जा रहा था. जिसे अब फिर से आइआरसीटीसी की सभी ट्रेनों में बहाल कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार पके हुए भोजन की बहाली पूरी सावधानियों के साथ यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए की गई है. इस तरह की सेवाएं लगभग 428 ट्रेनों में पके हुए भोजन के रूप में पहले ही बहाल की जा चुकी थीं.

कोरोना में हो रही कमियों को देखते हुए 21 दिसंबर से ही करीब 30 फीसदी और '22 जनवरी तक 80 फिसदी' पके हुए भोजन की सेवा की बहाली प्रारम्भ कर दी गई थी. बाकी शेष 20 फीसदी को भी फरवरी 14 से बहाल कर दिया गया. जबकि प्रीमियम ट्रेनों (राजधानी, शताब्दी, दुरंतो) में पका हुआ भोजन पहले ही 21 दिसंबर को बहाल कर दिया गया था.

ट्रेनों में मिलने वाले खाने को लेकर यात्री अक्सर शिकायत करते हैं. इसमें सुधार के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं. शिकायत मिलने पर कई बार बेस किचन और ट्रेनों के पैंट्री कार का औचक निरीक्षण किया जाता है. इससे गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन यात्रियों की शिकायत दूर नहीं हुई है. इसे ध्यान में रखकर मंत्रालय की ओर से फूड सेफ्टी सुपरवाइजर (एफएसएस) तैनात करने का फैसला किया गया है. शुरूआत में कुल 50 एफएसएस तैनात करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. कोरोना काल के पहले आइआरसीटीसी के 46 बेस किचन थे. प्रत्येक किचन में कम से कम एक एफएसएस रहेगा. किचन में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की उसकी जिम्मेदारी होगी.

वहीं रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में मिलने वाले भोजन से यात्री कितने संतुष्ट हैं, इसके लिए निजी एजेंसी से सर्वे कराने का फैसला किया गया है. दो साल के लिए एजेंसी को यह काम सौंपा जाएगा. एजेंसी के कर्मचारी स्टेशनों पर खानपान के स्टाल और ट्रेनों में यात्रियों से बात करके रिपोर्ट तैयार करेंगे. इससे रेलवे को यात्रियों की शिकायत को दूर करने में मदद मिलेगी और उसे दुरुस्त किया जायेगा.

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