नई दिल्ली: वित्तीय सेवा विभाग ने सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी गतिविधियों से संबंधित चौंकाने वाले आंकड़ों का खुलासा किया है. आंकड़ों के अनुसार, देश भर के को-ऑपरेटिव बैंकों ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कुल 4,135 धोखाधड़ी की रिपोर्ट की, जिसमें शामिल राशि 10856 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने को-ऑपरेटिव बैंकों पर बड़ी कार्रवाई की है, जिनमें कई बैंको के लाइसेंस भी रद्द किये गये हैं. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी है कि 2018 से 2023 तक को-ऑपरेटिव बैंकों में 10856 करोड़ रुपये का फ्रॉड सामने आया, जिसमें 4135 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं. गजब का फ्रॉड! फोन पर 30 सेकेंड की बात, और लड़की के खाते से गायब हो गए 30 लाख रुपये.
आंकड़ों के अनुसार साल 2018-19 में 1285 फ्रॉड के मामले सामने आए, जिनमें 703 करोड़ रुपये की धोखाधडी हुई. 2019-20 में 719 धोखाधड़ी के मामले सामने आये जिनमें 6839 करोड़ रुपये की धोखधड़ी की गई. 2020-21 में धोखाधड़ी के 438 मामले सामने आये जिनमें 1985 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ. 2021-22 में 729 धोखाधड़ी के मामले सामने आये जिनमें 536 करोड़ रुपये की धोखधड़ी की गई. 2022-23 में धोखाधड़ी के 964 मामले सामने आये जिनमें 791 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ.
4,135 #frauds worth Rs 10,856 crore reported in cooperative #banks in last 5 years: Datahttps://t.co/hFiwrBWWNy
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) July 31, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने यह आंकड़े साझा किए. बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने को-ऑपरेटिव बैंकों पर बड़ी कार्रवाई की है, जिनमें कई बैंको के लाइसेंस भी रद्द किए गए हैं.
14 जून 2023 तक, देश में सहकारी बैंकों की कुल संख्या 1,886 है, जिसमें 1,500 शहरी सहकारी बैंक और 386 ग्रामीण सहकारी बैंक शामिल हैं. ये सहकारी संस्थाएं देश भर में विभिन्न समुदायों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.