नई दिली: वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की दो साल में 30 बैठकें हुई हैं जिनमें 918 फैसले लिए गए. वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी. जीएसटी परिषद की बैठकों में नई कर व्यवस्था से जुड़े़ कानूनी, नियम और कर दरों संबंधी निर्णय लिए गए हैं. जीएसटी परिषद के सदस्यों में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं. परिषद का गठन देश के पहले संघीय संस्थान के रूप में 15 सितंबर, 2016 को हुआ था.
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘आज की तारीख तक परिषद ने जीएसटी कानून, नियम, दरों, मुआवजे, कराधान सीमा आदि से संबंधित 918 फैसले लिए हैं. इनमें से 96 प्रतिशत से अधिक फैसलों को केंद्र सरकार द्वारा जारी 294 अधिसूचनाओं के जरिये पहले ही क्रियान्वित किया जा चुका है.’’ शेष फैसले क्रियान्वयन के विभिन्न स्तरों पर हैं। इतनी ही संख्या में राज्यों की ओर से भी इससे जुड़ी अधिसूचनाएं जारी की जा चुकी हैं. यह भी पढ़े: कारोबारियों के लिए बड़ी राहत, GST रिटर्न की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर तक बढ़ी
बयान में कहा गया है कि जीएसटी परिषद के कामकाज से सहकारिता के संघवाद का नया चरण शुरू हुआ है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से संबंधित सामूहिक फैसले लेती हैं. जीएसटी परिषद की बैठकों से पहले केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों की बैठक होती है, ताकि परिषद के सदस्य विचाराधीन मुद्दों पर पूर्ण रूप से चर्चा कर सकें.