जम्मू-कश्मीर: मिशन ऑलआउट ने घटाई आतंकियों की औसत आयु, अब महज 6 महीने ही जिंदा बच पाते है आतंकी
एनएसजी कमांडो (Photo Credits: IANS)

श्रीनगर: जल्द ही जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के लोगों को आतंकियों से मुक्ति मिल सकती है. ऐसा इसलिए क्योकि सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन से घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की औसत उम्र अब घटकर महज 6 महीने ही रह गई है. पहले घाटी में आतंक का दामन धामने वाले दहशतगर्दो की आयु कम से कम 9 महीने हुआ करती थी. जम्मू-कश्मीर में इस साल सेना ने 256 आतंकी मार गिराए हैं. जबकि अभी ये साल खत्म होने में 10 दिन बाकी हैं.

जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों ने इस साल घाटी में 241 आतंकी मार गिराए जबकि नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश में 15 आतंकी ढेर हुए. पिछले साल पूरे साल में कुल 213 आतंकवादी सुरक्षा बलों की गोलियों का निशाना बने थे. इस साल पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में आतंकवादियों को धकेलने की घटनाओं में भी इज़ाफ़ा हुआ.

साल भर में जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग आतंकवादी घटनाओं में कुल 59 जवान और अधिकारी शहीद हो गए, इनमें से 25 की शहादत नियंत्रण रेखा पर हुई. इन सबकी शहादत स्नाइपर हमले, BAT हमले और सीमापार से हो रही फ़ायरिंग से हुई. मारे गए आतंकवादियों की इतनी बड़ी तादाद इस साल से पहले केवल 2010 में पहुंची थी, जब 232 आतंकवादी सेना की गोलियों से ढेर हुए थे.

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मई में केवल दो हफ्तों में हिज़बुल मुजाहिदीन के सलीम टाइगर और सद्दाम पा़डर दोनों ही शोपियां में मारे गए. पत्रकार शुजात बुखारी का हत्यारा लश्करे तैयबा का आतंकवादी नवीद जट भी सेना से बच नहीं पाया. यही हाल जैशे मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अज़हर के भतीजे उस्मान हैदर का हुआ.

गौरतलब हो कि घाटी में आतंक के सफाएं के लिए सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ रखा है. ऑपरेशन ऑल आउट के तहत सेना ने अब तक कई शीर्ष आतंकी कमांडरों को मौत के घाट उतारा है. इसके बाद से आतंकी पुलिसवालों के परिवारों को निशाना बना रहे हैं.