नई दिल्ली, 2 फरवरी: सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वर्ष 2014 के बाद से विदेशों से पुरातात्विक महत्व के कुल 229 पुरावशेष वापस लाए गए हैं . साथ ही सरकार ने कहा कि वह देश से बाहर ले जायी गयीं भारतीय मूल की प्राचीन वस्तुओं को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी से एक लिखित प्रश्न में पूछा गया था कि क्या सरकार ‘‘इंग्लैंड से कोहिनूर हीरा वापस लाने’’ के लिए कोई योजना बना रही है. विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से मंत्री से पूछा गया था कि क्या यह सच है कि प्रत्यावर्तन योजना के तहत, सरकार नैतिक आधार पर, उन विदेशी ताकतों पर कोई जवाबदेही तय कर रही है, जिन्होंने भारत को लंबे समय तक प्रताड़ित किया. जिसके लिखित जवाब में रेड्डी ने कहा, ‘‘नहीं सर, ऐसी कोई योजना नहीं है.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार देश से बाहर ले जायी गयी और प्राचीन भारतीय विरासत से जुड़ी बहुमूल्य वस्तुओं को वापस लाने पर विचार कर रही है, मंत्री ने आंकड़ों के साथ इसका जवाब दिया.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ‘‘भारतीय मूल की उन पुरावस्तुओं को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्हें भारत से बाहर ले जाया गया था.’’
रेड्डी ने राज्यसभा को बताया, ‘‘जब भी भारतीय मूल की ऐसी कोई प्राचीन वस्तु विदेशों में सामने आती है, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, विदेश मंत्रालय के माध्यम से भारतीय दूतावासों, मिशनों के साथ उनकी पुनर्प्राप्ति के लिए मामला उठाता है. वर्ष 2014 के बाद से विदेशों से कुल 229 पुरावशेषों को वापस प्राप्त किया गया है.’’ प्रसिद्ध कोहिनूर हीरे के बारे में पूछे गए सवाल का कोई खास जवाब नहीं आया.
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