1984 सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार को दोषी करार देते समय रो पड़े जज और वकील
वहीं इस मामले में सज्जन कुमार पर सजा सुनाते हुए समय दिल्ली हाई कोर्ट के जज रो पड़े. जज ने सुनवाई के दौरान कहा कि मृतक के परिवार को दशको तक इंतजार करना पड़ा और इसके साथ उन्होंने कहा कि जांच एजेसिंयों की नाकामी है जिसके कारण अब तक कुछ नहीं हो पाया
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC) ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सोमवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा (1984 anti-sikh riots) मामले में दोषी करार दिया है. अदातल ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) और अन्य को दोषी करार दिया है और उन्हें (सज्जन) आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा. इससे पहले 1984 सिख दंगा मामले में 2013 में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को निचली अदालत ने बरी कर दिया था.
वहीं इस मामले में सज्जन कुमार पर सजा सुनाते हुए समय दिल्ली हाई कोर्ट के जज रो पड़े. जज ने सुनवाई के दौरान कहा कि मृतक के परिवार को दशको तक इंतजार करना पड़ा और इसके साथ उन्होंने कहा कि जांच एजेसिंयों की नाकामी है जिसके कारण अब तक कुछ नहीं हो पाया. फैसले के दौरान दोषियों के वकील भी कोर्ट में रो रहे थे. फैसले में जज में ने 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.
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अदालत ने सज्जन कुमार से 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है. बता दें कि न्यायाधीश एस. मुरलीधर और न्यायाधीश विनोद गोयल ( Justices S Muralidhar and Vinod Goel ) की खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को बदल दिया है जिसने कांग्रेस नेता को बरी कर दिया था. गौरतलब हो कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा की 31 अक्टूबर 1984 के हुई हत्या के बाद दिल्ली के सैन्य छावनी क्षेत्र में पांच लोगों की हुई हत्या के मामले में सज्जन कुमार और पांच अन्य पर मुकदमा चल रहा था.