सूरत, 29 अक्टूबर: गुजरात के सूरत शहर में 100 घंटे के ‘ब्रेन डेड’ नवजात के माता-पिता ने उसके अंगों को दान करने का फैसला किया जिससे चार शिशुओं को नया जीवन मिला. एक अंग दान फाउंडेशन ने रविवार को यह जानकारी दी.
इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन ने दावा किया कि शिशु देश का सबसे कम उम्र का अंगदाता है. फाउंडेशन के एक अधिकारी ने बताया कि जन्म के बाद शिशु को इनक्यूबेटर में रखा गया था क्योंकि उसके दिल की धड़कन कम थी और वह सांस नहीं ले रहा था. उन्होंने बताया कि 48 घंटे की निगरानी के बाद न्यूरोसर्जन को बच्चे की जांच करने के लिए भेजा गया जिसने शिशु को ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया.
फाउंडेश्न के प्रबंधन न्यासी विपुल तलविया ने बताया कि परामर्श के बाद, शिशु के माता-पिता जरूरतमंद लोगों को नया जीवन देने के लिए अपने बेटे के अंगों को दान करने के लिए सहमत हुए. ये भी पढ़ें- HC On Human Organ Donation: अंगदान के लिए पति या पत्नी की सहमति आवश्यक नहीं है, हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में 18 अक्टूबर को पांच दिन के बच्चे के इसी तरह के मामले के बारे में बताए जाने के बाद बच्चे के माता-पिता अनूप और वंदना ठाकोर अपने ब्रेन डेड शिशु के अंग दान करने के लिए सहमत हुए, जो अब तक का सबसे कम उम्र का अंगदाता है.’’
उन्होंने बताया कि 23 अक्टूबर की शाम को जन्म के लगभग 100 घंटे बाद शुक्रवार की रात शिशु के दोनों गुर्दे,एक तिल्ली और कॉर्निया निकाली गईं.’’
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