
Sky Force Review: ‘स्काई फोर्स’ एक फिल्म ही नहीं, बल्कि भारत के वायु सेना के पायलटों की वीरता और बलिदान को समर्पित एक शानदार श्रद्धांजलि है. गणतंत्र दिवस के इस मौके पर यह फिल्म देशभक्ति की एक नई भावना जगाती है. अभिषेक अनिल कपूर और संदीप केवलाानी द्वारा निर्देशित यह फिल्म रोमांचकारी एक्शन और गहरे इमोशंस का बेहतरीन मिश्रण है. फिल्म 24 जनवरी को सिनेमाघरों में दस्तक दे रही है. Emergency Review: कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी की भूमिका में डाली जान, 'इमरजेंसी' में भारतीय राजनीति का सजीव चित्रण
1965 के भारत-पाक युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘स्काई फोर्स’ एक ऐसी कहानी है, जो भारत के पहले हवाई हमले को बयां करती है, जिसने युद्ध की दिशा बदल दी और भारतीय वायु सेना की ताकत को पूरी दुनिया के सामने रखा. फिल्म की शुरुआत अक्षय कुमार के किरदार, विंग कमांडर के.ओ. आहूजा, की एक तनावपूर्ण पूछताछ से होती है, जहां वे एक चौंकाने वाली जानकारी साझा करते हैं. उनका लापता पायलट विजय (वीर पहाड़िया), जो पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस पर एक साहसिक हमले के दौरान गायब हो गया था, अब भी जिंदा हो सकता है.
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इस कहानी का दिल है विंग कमांडर के.ओ. आहूजा, जो ओ.पी. तनेजा के रूप में अक्षय कुमार द्वारा निभाया गया है. एक इंसाफ पसंद और जुझारू कमांडर, आहूजा की कहानी मिलती है टी. विजय की यात्रा से. वीर पहाड़िया ने ए.बी. देवैया के रूप में विजय का किरदार निभाया है, जो देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार था. अक्षय कुमार ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वे सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार क्यों हैं. विंग कमांडर के. ओ. आहूजा के रूप में उनका अभिनय शक्तिशाली, आकर्षक और भावनात्मक रूप से गहराई वाला है. जैसे ही वे स्क्रीन पर आते हैं, उनकी उपस्थिति आपको पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लेती है और आप बस उनका किरदार देखने में खो जाते हैं.
अक्षय कुमार के साथ-साथ वीर पहाड़िया ने भी अपनी अदाकारी से दर्शकों को प्रभावित किया है. टी. विजय के रूप में उन्होंने एक निडर और बागी फाइटर पायलट का किरदार निभाया है, जो आदेश न मानने के बाद गायब हो जाता है. वीर का संयमित और गहरा अभिनय फिल्म की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. उन्होंने सिर्फ एक किरदार निभाने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि बलिदान और फर्ज की सच्ची भावना को पर्दे पर जीवंत कर दिया. उनके किरदार का हर इमोशनल मोमेंट और एक्शन सीन दर्शकों को बांधने में कामयाब रहता है. आहुजा की पत्नी के रूप में निम्रत कौर और विजय की गर्भवती पत्नी के रूप में सारा अली खान ने अपने किरदारों से कहानी में भावनात्मक संतुलन बनाने की कोशिश की है . पर सारा से और अधिक की उम्मीद की जा सकती थी.

कपूर और केवलानी ने इस फिल्म को उतना ही तेज और परफेक्ट बनाया है, जैसे एक लड़ाकू विमान का पंख. निर्देशन एकदम सटीक और भावनाओं से भरपूर है, बिना बड़े दृश्य की भव्यता को खोए. एक्शन और इंसानी संघर्ष के बीच संतुलन इस तरह से रखा गया है कि हर हवाई लड़ाई सिर्फ स्पेशल इफेक्ट्स का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक ऊंचाई भी हासिल करती है.
VFX की बात करें तो, ये तो बस एक तरह का जादू है. इस टीम ने सच में अपना बेस्ट दिया है. विस्फोटक एयरस्ट्राइक से लेकर ऐतिहासिक घटनाओं को बारीकी से फिर से फिल्माया गया है, और हर फ्रेम में एक जबरदस्त ताजगी और ऊर्जा महसूस होती है. आसमान में होने वाली लड़ाइयां इतनी क्लियर और रियल लगती हैं कि आप पूरी तरह से उसमें शामिल हो जाते हैं.

'स्काई फोर्स' सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं है, बल्कि एक सशक्त और मानवीय कहानी भी है. यह उन नायकों की कड़ी मेहनत और बलिदान को सम्मानित करती है, जो अपने कर्तव्यों के लिए हर चीज़ छोड़ देते हैं. ‘स्काई फोर्स’ को दिनेश विजन और अमर कौशिक ने मैडॉक फिल्म्स के तहत, और ज्योति देशपांडे ने जियो स्टूडियोज के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया है. फिल्म में बेहतरीन अभिनय, शानदार निर्देशन, और दिल छूने वाला एक्शन है, जो फिल्म खत्म होने के बाद भी आपके दिल में गूंजता रहता है. इस फिल्म को 5 में से 3. 5 स्टार.