लैंगिक समानता पर फिल्म लिखने के लिए महिलाओं का नजरिया चाहिए :'नटखट' के निर्देशक

'नटखट' के निर्देशक शान व्यास का कहना है कि मर्दानगी के बारे में एक कहानी का जिक्र करने के लिए फिल्म के पहले चरण को उन्होंने एक पुरुष के तौर पर लिखा, जिसमें किसी महिला की सोच व दृष्टिकोण की कमी थी.

शान व्यास (Photo Credits: Instagram)

'नटखट' के निर्देशक शान व्यास (Shaan Vyas) का कहना है कि मर्दानगी के बारे में एक कहानी का जिक्र करने के लिए फिल्म के पहले चरण को उन्होंने एक पुरुष के तौर पर लिखा, जिसमें किसी महिला की सोच व दृष्टिकोण की कमी थी.

फिल्म में विद्या बालन (Vidya Balan) और बाल कलाकार सानिका पटेल (Sanika Patel) हैं और इसे अनुकंपा हर्ष ने लिखा है. शान व्यास कहते हैं, "फिल्म के पहले चरण में मर्दानगी पर एक कहानी का जिक्र करने के लिए मैंने इसे एक पुरुष के मनोभाव से लिखा, लेकिन इसमें एक औरत के नजरिए की कमी थी. यह काफी अधूरा सा लग रहा था. लैंगिक समानता पर कोई फिल्म लिखने के लिए हमें लेखन में एक महिला के नजरिए की आवश्यकता है. खासकर इसके निर्माण में इसकी बेहद अहमियत है." यह भी पढ़े: विद्या बालन ने रिलीज की अपनी शॉर्ट फिल्म ‘नटखट’ का फर्स्ट लुक, इस नए लुक में आईं नजर

'नटखट' में लैंगिक समानता पर एक सशक्त दिया गया है. इस फिल्म का प्रीमियर 2 जून को यूट्यूब पर 'वी आर वन : ए ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल' के एक हिस्से के रूप में हुआ.

विद्या बालन और रॉनी स्क्रूवाला ने मिलकर इसे प्रोड्यूस किया है.

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