Sushant Singh Rajput Case: तापसी पन्नू, लक्ष्मी मांचू ने रिया चक्रवर्ती पर चल रहें मीडिया ट्रायल की निंदा की
लक्ष्मी मांचू और तापसी पन्नू (Photo Credits: Instagram)

अभिनेत्री तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) और लक्ष्मी मांचू (Lakshmi Manchu) ने रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) को लेकर हो रहे मीडिया ट्रायल्स की आलोचना की है. रिया चक्रवर्ती पर दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. लक्ष्मी ने ट्विटर पर सुशांत और रिया दोनों के लिए न्याय की मांग करते हुए एक पोस्ट साझा किया. साथ ही उन्होंने बाकी साथियों से भी रिया के साथ खड़ा होने का अनुरोध किया.

लक्ष्मी ने लिखा, "मैंने रिया चक्रवर्ती का पूरा साक्षात्कार देखा. मैंने बहुत सोचा कि क्या इस मामले में जवाब दूं या नहीं. मैंने बहुत सारे लोगों को इसलिए भी चुप देखा, क्योंकि मीडिया ने एक लड़की को राक्षस बना दिया है. मुझे सच्चाई पता नहीं है और मैं सच्चाई जानना चाहती हूं और मुझे उम्मीद है कि सच्चाई ईमानदार तरीके से सामने आएगी." उन्होंने आगे लिखा, "मुझे न्यायपालिका प्रणाली और सुशांत को न्याय दिलाने में शामिल सभी एजेंसियों पर पूरा भरोसा है." यह भी पढ़े: तापसी पन्नू ने ट्वीट कर कहा- इज्जत कमाई जाती है, आदेश से नहीं मिलती है

लक्ष्मी ने कहा कि हमें तथ्यों को जाने बिना किसी इंसान और उसके पूरे परिवार की बुराई करना और उन पर लांछन लगाने से खुद को बचाना होगा. उन्होंने आगे लिखा, "मैं उस दर्द की कल्पना कर सकती हूं, जिससे पूरा परिवार इन तथाकथित मीडिया ट्रायल्स की वजह से गुजर रहा है." उन्होंने आगे लिखा, "अगर मेरे साथ ऐसा कुछ होता है तो मैं चाहूंगी कि मेरे सहकर्मी मेरे लिए, मेरे साथ खड़े हों कम से कम इतना कि वे कहें कि रूक जाओ उसे अकेला छोड़ दो और मैं आप सभी से वही कहती हूं कि रूक जाइए, उसे अकेला छोड़ दीजिए, तब तक जब तक कि पूरी सच्चाई आधिकारिक रूप से जारी नहीं हो जाती." यह भी पढ़े: Sushant Singh Rajput Death Case: NCB ने रिया चक्रवर्ती के खून की जांच नहीं करने के दिए संकेत, ड्रग्स पेडलर्स पर होगा फोकस

वहीं, लक्ष्मी के इस ट्वीट को तापसी ने भी रीट्वीट किया और उनसे सहमति जताई. तापसी ने लिखा, "मैं सुशांत को व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानती थी और न ही मैं रिया को जानती हूं, लेकिन बस इतना जानती हूं लोगों को समझना चाहिए कि न्यायपालिका से ऊपर उठकर किसी ऐसे को दोषी ठहराना, जिसका दोष साबित नहीं हुआ है, वह कितना गलत है. न्याय पर भरोसा रखें और अपनी और मृतक की पवित्रता को बनाए रखें."