Sukhee Movie Review: एक बार फिर जिंदगी अपने तरीके से जीने और महिलाओं के लिए अहम संदेश देती है शिल्पा शेट्टी स्टारर 'सुखी'!

सोनल जोशी ने फिल्म की कमान संभाली है. उनका डायरेक्शन अच्छा है, पर फर्स्ट हाफ को थोड़ा और इंगेजिंग बनाने की आवश्यक्ता थी. बावजूद इसके यह फिल्म दर्शकों के बीच एक सकारात्मक संदेश छोड़ती है. साथ ही आप कहीं न कहीं अपनी जिंदगी से भी इस फिल्म को कनेक्ट कर पाएंगे.

Shilpa Shetty (Photo Credits: Instagram)

सोनल जोशी द्वारा डेयरेक्टेड फिल्म सुखी 22 सितंबर को रिलीज के लिए तैयार है. फिल्म में शिल्पा शेट्टी, कुशा कपिला, अमित साध, चैतन्य चौधरी ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं. फिल्म महिलाओं के साथ साथ पुरुषों  को भी अहम संंदेश देती है. यह शादीशुदा महिलाओं के अंदर एक नई उमंग और जिंदगी जीने की नई उमंग भरने का काम करती है. Animal Poster: रणबीर कपूर स्टारर फिल्म 'एनिमल' से अनिल कपूर का लुक आया सामने, एक्टर का दिखा इंटेंस अवतार (View Pic)

सुखी (शिल्पा शेट्टी) एक ऐसी महिला की कहानी है जो अपने परिवार के खिलाफ जाकर गुरु (चैतन्य चौधरी) से लव मैरेज करती है. वह स्कूल कॉलेज में एक दम बिंदास हुआ करती थी. पर जिम्मेदारियों में इस कदर जकड़ जााती है कि जिंदगी जीना ही भूल जाती है और अब उसे स्कूल के दिन किसी ख्वाब की तरह दिखते हैं.सुखी हाउसवाइफ बन 15 साल की बेटी का खयाल और घर की जिम्मेदारियों में खुद को ही कहीं खो देती है. पर कहानी में उस वक्त ट्विस्ट आता है, जब सुखी की 3 स्कूल दोस्त दिल्ली में रियूनियन के लिए उसे बुलाती हैं. पर गुरु नहीं चाहता कि वह दिल्ली जाए, उसे लगता है कि घर के काम कौन करेगा? पर कैसे भी हिम्मत जुटाकर वह दिल्ली चली जाती है और यहां से कहानी में कई टर्न और ट्विस्ट देखने मिलते हैं.

फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है इसे और फास्ट किया जा सकता था. वहीं सेकंड हाफ ज्यादा शक्तिशाली है. शिल्पा शेट्टी और चैतन्य चौधरी ने अपने अपने किरदार काफी अच्छे से समझे और निभाए हैं. वहीं अमित साध की एंट्री शाहरुख खान की तरह होती है, फिल्म में उनका स्क्रीन स्पेस कम है पर वे इम्पैक्ट छोड़ते हैं. बाकी शिल्पा की दोस्द कुशा कपिला और अन्य ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है. Parineeti Chopra and Raghav Chadha Jet Off to Udaipur: परिणीति चोपड़ा और राघव चढ़ा उदयपुर के लिए हुए रवाना, यह कपल जल्द करेगा शादी (Watch Video)

फिल्म में  गानों को ज्यादा जगह नहीं है और जो गाने रखे गए हैं वे कुछ खास याद रहने वालों में से नहीं हैं. सोनल जोशी ने फिल्म की कमान संभाली है. उनका डायरेक्शन अच्छा है, पर फर्स्ट हाफ को थोड़ा और इंगेजिंग बनाने की आवश्यक्ता थी. बावजूद इसके यह फिल्म दर्शकों के बीच एक सकारात्मक संदेश छोड़ती है. साथ ही आप कहीं न कहीं अपनी जिंदगी से भी इस फिल्म को कनेक्ट कर पाएंगे. यह फिल्म दिखाती है कि महिलाएं कभी भी अपने सपनों को छोड़ने के लिए नहीं हैं, भले ही वे शादीशुदा हों और बच्चों की मां हों. कुल मिलाकर, सुखी एक अच्छी फिल्म है जो देखने लायक है.

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