Sonchiriya Movie Review: चंबल के डाकुओं की दिलचस्प कहानी, सुशांत सिंह राजपूत और रणवीर शौरी का शानदार अभिनय

'इश्किया' (Ishqiya) और 'उड़ता पंजाब' (Udta Punjab) जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन कर चुके अभिषेक चौबे (Abhishek Chaubey) इस बार दर्शकों के लिए चंबल के डाकुओं की एक कहानी लेकर आए है. हम फिल्म 'सोनचिड़िया' की बात कर रहे हैं. इस

फिल्म 'सोनचिड़िया' का रिव्यू (Photo Credits: File Image)

'इश्किया' (Ishqiya) और 'उड़ता पंजाब' (Udta Punjab) जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन कर चुके अभिषेक चौबे (Abhishek Chaubey) इस बार दर्शकों के लिए चंबल के डाकुओं की एक कहानी लेकर आए हैं. हम फिल्म 'सोनचिड़िया' की बात कर रहे हैं. इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput), भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar), रणवीर शौरी (Ranvir Shorey) और आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) जैसे सितारें अहम भूमिका में है. फिल्म में मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने गेस्ट अपीयरेंस दी है. 'सोनचिड़िया' में अभिषेक चौबे ने डाकुओं की दूसरी साइड दिखाई है. फिल्म देखकर आप सोच में पड़ जाएगे कि क्या सच में डाकू भी इस तरह सोच सकते हैं. बॉलीवुड में ज्यादातर जहां उन्हें क्रूर दिखाया जाता है, वहीं इस फिल्म में उनकी भावनाओं को खूबसूरती से बयां किया गया है.

कहानी: फिल्म 'सोन चिड़िया' चंबल के बागियों की कहानी है. मान सिंह (मनोज बाजपेयी) बागियों की गैंग के लीडर है. लखन सिंह (सुशांत सिंह राजपूत) और वकील सिंह (वकील सिंह) मान सिंह के समूह के मुख्य सदस्य हैं. विरेन्द्र गुज्जर (आशुतोष राणा) चंबल से बागियों का सफाया करने के मिशन पर है. साथ ही उनके पास ऐसा करने की एक निजी वजह भी है. वह मान सिंह और उसके साथियों से किसी बात का बदला लेना चाहते हैं. फिल्म की पेस कुछ दर्शकों को काफी धीमी लग सकती है लेकिन अगर आप एक सिनेमा लवर है, तो आपको यह फिल्म जरुर पसंद आएगी. फिल्म समय समय पर हंसाती है. भले ही 'सोनचिड़िया' थोड़ी स्लो है लेकिन तब भी फिल्म एंटरटेन करने में सफल होती है.

निर्देशन: अभिषेक चौबे ने चंबल घाटी को बड़े पर्दे पर उम्दा तरीके से दर्शाया है. उन्होंने एक बहुत ही विचित्र कहानी दर्शकों के सामने प्रस्तुत की है. साथ ही वह इस फिल्म के माध्यम से उन लोगों की विचारधारा बदलने में सफल होंगे जिनके दिमाग में डाकू का नाम सुनकर सिर्फ 'शोले' के गब्बर सिंह का चेहरा सामने आता है. 'सोनचिड़िया' में बागियों के जीवन की कठिनाइयों को बताया गया है.

अभिनय: सुशांत सिंह राजपूत ने एक बागी का किरदार बखूबी निभाया है. अभी तक हम उन्हें कई तरह के रोल्स में देख चुकें हैं लेकिन यह अब तक की उनकी सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस है. रणवीर शौरी का अभिनय भी खूब प्रभावित करता है. सुशांत और रणवीर की डायलॉग डिलीवरी बेहतरीन है. भूमि पेडनेकर, आशुतोष राणा और मनोज बाजपेयी ने भी अपने किरादरों के साथ पूरी तरह से न्याय किया है. अंतिम दृश्य में आशुतोष राणा के एक्सप्रेशन्स आपको खूब पसंद आएंगे.

म्यूजिक: विशाल भारद्वाज (Vishal Bhardwaj) ने फिल्म का संगीत दिया है. फिल्म के हिसाब से म्यूजिक बिल्कुल सही बैठता है. रेखा भारद्वाज (Rekha Bhardwaj) की मधुर आवाज में 'सोनचिड़िया' नामक गीत दिल छूने में सफल होता है.

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फिल्म की खूबियां:-

1. सुशांत सिंह राजपूत और रणवीर शौरी का बेहतरीन अभिनय

2. अंतिम दृश्य में आशुतोष राणा के एक्सप्रेशन्स

3. अभिषेक चौबे का बेहतरीन निर्देशन

फिल्म की खामी: धीमी रफ्तार

कितने स्टार्स ?

अगर आपको फिल्मों से प्यार है और आप हर प्रकार की फिल्में देखना पसंद करते हैं तो आपको यह फिल्म एक बार अवश्य देखनी चाहिए. सुशांत सिंह राजपूत और भूमि पेडनेकर की 'सोनचिड़िया' को हम 3.5 स्टार्स देना चाहेंगे.

Rating:3.5out of 5
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