सारा अली खान को लेकर दादी शर्मिला टेगौर ने दिया बड़ा बयान

अभिनेत्री शर्मिला टैगोर का कहना है कि वह अपनी पोती सारा अली खान का आत्मविश्वास, विनम्रता और आकर्षण देखकर बेहद खुश होती हैं...आंख दुर्घटना के बाद उन्होंने न केवल बल्लेबाजी की बल्कि क्षेत्ररक्षण भी किया.....

अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और सारा अली खान (Photo Credit-FB/Instagram)

मुंबई: अभिनेत्री शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) का कहना है कि वह अपनी पोती सारा अली खान (Sara Ali Khan) का आत्मविश्वास, विनम्रता और आकर्षण देखकर बेहद खुश होती हैं और जिस तरह से सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की पूर्व पत्नी अमृता सिंह (Amrita Singh) की बेटी उभरकर सामने आई हैं, वह अभिभूत कर देने वाला है. शर्मिला शनिवार को 74 साल की हो गईं. शर्मिला से जब पूछा गया कि जन्मदिन पर वह क्या कर रही हैं तो उन्होंने कहा, "ज्यादा कुछ नहीं. मुझे डर है. कुछ दोस्त आ सकते हैं. सबा और सैफ को अगर मौका मिला तो वे आ सकते हैं. देखते हैं क्या होता है." फिल्म 'आराधना' की अभिनेत्री से जब पूछा गया कि दो खूबसूरत बच्चों पोता (तैमूर) और नातिन (इनाया) की मौजूदगी से पिछले एक साल में वह क्या चीज है जो आपके लिए बदली है तो उन्होंने कहा, "हां, इससे निश्चित रूप से मेरी खुशी बढ़ी है, बिल्कुल. मैं जितना उन्हें मिल सकती हूं मिलती हूं, लेकिन ज्यादा नहीं क्योंकि हम अलग-अलग शहरों में रहते हैं.

लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगी कि उन्हें देखकर मुझमें फिर से एक नई ऊर्जा आ जाती है, उत्साहित हो जाती हूं. छोटे बच्चों की चपलता, ऊर्जा से बढ़कर कुछ नहीं है. वे कई चीजों को लेकर उत्सुक और उत्साही होते हैं. तो हां, तैमूर (Taimur) और इनाया (Inaaya) के इर्द-गिर्द होने से सच में मुझे खुशी होती है और जैसा कि मैंने कहा कि मैं चाहती हूं कि ज्यादा से ज्यादा वक्त उनके साथ गुजार सकूं." अपने करियर के शिखर पर होने के दौरान मां और अभिनेत्री का बेहतरीन संयोजन करने वाली शर्मिला ने बताया कि 'सफर' और 'छोटी बहू' के दौरान वह गर्भवती थीं और गर्भावस्था के अंतिम दिनों में काफी बीमार पड़ गई थीं.

फिर 'बेशरम' के दौरान सबा के साथ गर्भवती थीं. शर्मिला ने यह पूछे जाने पर कि क्या वह अभी भी अपने पति व पटौदी के नवाब मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) पर बायोपिक को लेकर उत्साहित हैं तो उन्होंने कहा, "देखिए, यह इस पर निर्भर करेगा कि जहाज का कप्तान कौन है, निर्माता और निर्देशक. मेरा मनना है कि उनके जीवन में जो उतार-चढ़ाव व रोचक घटनाएं हुई उस हिसाब से यह एक अच्छी कहानी है. पिता का निधन होना, एक आंख खो देना, उसके बाद उनका एवरेज 60 से 30 पर आ गया, इतनी कम उम्र में इतना सब सहना.

मुझे नहीं लगता कि कोई और इन सबसे से सहजता से निपट पाता. आंख दुर्घटना के बाद उन्होंने न केवल बल्लेबाजी की बल्कि क्षेत्ररक्षण भी किया. मेरे ख्याल से वह एक असाधारण खिलाड़ी थे. भगवान जानते हैं कि अगर उनके दोनों आंख होते तो फिर वह कितनी उपलब्धि हासिल कर लेते." अभिनेत्री उन्हें काफी याद करती हैं. उन्होंने कहा कि जिंदगी ने उन्हें जो कुछ दिया है उसके लिए वह आभारी हैं. शर्मिला ने यह पूछे जाने पर कि हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लकेर काफी बातें हो रही हैं, तो उस जमाने में उन्हें किस चीज ने मजबूत, आत्मनिर्भर और निडर बनाया तो उन्होंने कहा, "शायद मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि ने. हमारे परिवार में हमेशा मजबूत महिलाएं रही हैं और मुझमें आत्मविश्वास भी था.

मैं करियर के बारे में ज्यादा सोचती भी नहीं थी. मैंने काम करना पसंद किया और इसका लुत्फ उठाया, लेकिन मुझे अन्य चीजों में भी दिलचस्पी थी. मेरे परिवार से मुझे बेहतरीन समझ मिली थी और शायद इस बात ने मुझे किसी भी नुकसान से दूर रखा." उन्होंने बताया कि उनकी हेयरड्रेसर नीना भी उन्हें लेकर काफी प्रोटेक्टिव थी और उनके व्यवहार पर नजर रखती थी और आउटडोर शूटिंग के दौरान उनके साथ जाती थी. मैंने जैसे ही कहा कि शर्मिलाजी यह साक्षात्कार बिना..तो उन्होंने झट से कहा, "सारा के जिक्र के बिना पूरा नहीं हो सकता ना? हां मैं उसके आगाज (फिल्म 'केदारनाथ' से) को लेकर बहुत रोमांचित हूं.

मैं उससे बहुत प्रभावित हूं. हालांकि, मैं यह समझ नहीं पाती कि उसके आत्मविश्वास को देखकर मुझे हैरानी क्यों होनी चाहिए. लेकिन, चाहे वह 'कॉफी विद करण' हो, राजीव मसंद, बीबीचेर को दिया साक्षात्कार हो..उसका आत्मविश्वास, विनम्रता और आकर्षण देख मुझे बेहद खुशी होती है. जिस तरह से वह उभर कर आई है, यह देखना अभिभूत कर देने वाला है. जब उससे पूछा गया कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी जाने के बाद वह फिल्मों में काम क्या कर रही है तो उसने कहा कि शिक्षा उसके लिए एक शख्स के तौर पर समझ व विकास के लिए था और न कि करियर के लिए. वह अपनी बात कहने में कभी भी संकोची नहीं रही और जिस तरह से करण जौहर के शो में अपने पिता के समर्थन में वह खड़ी नजर आई, उस पर मुझे वास्तव में गर्व है."

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शर्मिला से जब पूछा गया कि उनका पोता तैमूर मीडिया में सुपरस्टार बन चुका है तो उन्होंेने हंसते हुए कहा कि इस बात लेकर उन्हें थोड़ी चिंता होती है. फिलहाल तैमूर इन सब चीजों को समझने के लिए बहुत छोटा है, लेकिन बड़े होने पर ज्यादा मीडिया अटेंशन मिलने से वह प्रभावित हो सकता है. लेकिन जैसे कि सारा ने कहा है कि हम इस बारे में क्या कर सकते हैं? आज के दौर में हम मीडिया के बिना रह ही नहीं सकते.

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