पाताल लोक एक्टर अभिषेक बनर्जी के मुताबिक कास्टिंग ने सिनेमा को बदलने में एक अहम भूमिका निभाई है
कास्टिंग डायरेक्टर से अभिनेता बने अभिषेक बनर्जी ने लिखा है कि पिछले 12 वर्षों में रणवीर सिंह से लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, दीपिका डोबरियाल तक सभी के लिए किस तरह मुख्य धारा के फिल्म उद्योग में जगह बनी है. अभिषेक जिन्होंने हाल ही में वेब सीरीज 'पाताल लोक' में विशाल 'हाथौड़ा त्यागी' की अपनी भूमिका से सबको प्रभावित किया वो पहले कास्टिंग डायरेक्टर रहे हैं.
कास्टिंग डायरेक्टर से अभिनेता बने अभिषेक बनर्जी ने लिखा है कि पिछले 12 वर्षों में रणवीर सिंह से लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, दीपिका डोबरियाल तक सभी के लिए किस तरह मुख्य धारा के फिल्म उद्योग में जगह बनी है. अभिषेक जिन्होंने हाल ही में वेब सीरीज 'पाताल लोक' में विशाल 'हाथौड़ा त्यागी' की अपनी भूमिका से सबको प्रभावित किया वो पहले कास्टिंग डायरेक्टर रहे हैं. उन्होंने आईएएनएस को बताया, "मैंने गौतम किशनचंदानी के अंडर में प्रशिक्षण लिया." इस दौरान एक दिलचस्प बदलाव देखने को मिला.
उन्होंने आगे कहा, "नवाजुद्दीन सिद्दीकी, दीपक डोबरियाल और उसी समय में रणवीर सिंह जैसे अभिनेताओं को भी हमसे इंट्रोड्यूस किया गया था. ताजगी कास्टिंग में आई. 'सामान्य' और 'असामान्य' दिखने वाले अभिनेताओं के बीच की लाइनें धुंधली हो गईं. हम सभी को बदलाव पर ध्यान देने में एक दशक लग गए." यह भी पढ़े: पाताल लोक में ‘महिला विरोधी टिप्पणी’ के लिए अनुष्का शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज
2010 में फिल्म 'नॉक आउट' में एक कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरूआत करते हुए अभिषेक ने 'नो वन किल्ड जेसिका', 'द डर्टी पिक्च र', 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा', और 'सीक्रेट सुपरस्टार' जैसी फिल्मों में अभिनेताओं को कास्ट करना जारी रखा. 2017 की फिल्म 'फिलौरी' में उनको अभिनय का पहला बड़ा ब्रेक मिला. यह भी पढ़े: अनुष्का शर्मा ने सुपरनैचुरल थ्रिलर फिल्म ‘बुलबुल’ का पहला लुक जारी किया
अभिनेता ने साझा किया कि किस प्रकार एक ऑडिशन को अस्वीकार करना व्यक्तिगत स्तर पर उसके लिए कठिन हो जाता है. "एक अभिनेता होने के नाते, जब मैं एक ऑडिशन देखता हूं, तो मैं स्वाभाविक रूप से अभिनेता के प्रति सहानुभूतिपूर्ण हो जाता हूं. लेकिन एक कास्टिंग निर्देशक के रूप में, मैं फिल्म निर्देशक की ²ष्टि से देख रहा होता हूं. इसलिए कई बार ऐसा होता है कि अभिनेता अच्छा था, ऑडिशन के दौरान प्रदर्शन बहुत अच्छा था, लेकिन वह चरित्र नहीं था जिसकी हमने विशेष रूप से निर्देशक ने कल्पना की हुई होती थी."
उन्होंने आगे कहा, "वे कैरेक्टर के लिए विशेष लक्षण चाहते हैं जो संभवत: मेकअप का उपयोग करके या अन्य तरीके से बाहरी रूप से नहीं बनाया जा सकता है. प्रत्येक व्यक्ति अलग है. हर कलाकार अलग है. इसलिए एक कास्टिंग निर्देशक का काम चरित्र को किसी अभिनेता या किसी व्यक्ति में देखना होता है." अभिषेक हाल के वर्षों में 'स्त्री', 'ड्रीम गर्ल', 'बाला' और 'मेड इन चाइना' फिल्मों में नजर आ चुके हैं.