VIDEO: महानायक अमिताभ बच्चन को मिला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, वीडियो में देखें सम्मान समारोह
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर अमिताभ बच्चन ने लता मंगेशकर को याद करते हुए अपने भावुक विचार साझा किए.
मुंबई: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को दीनानाथ मंगेशकर नाट्यगृह में आयोजित एक समारोह में प्रतिष्ठित लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर अमिताभ बच्चन ने लता मंगेशकर को याद करते हुए अपने भावुक विचार साझा किए. अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार संगीत, कला, संस्कृति और सामाजिक कार्यों में उनके अतुलनीय योगदान के लिए दिया गया है.
लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार की स्थापना मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान द्वारा की गई है. यह पुरस्कार हर साल संगीत, कला, संस्कृति और सामाजिक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है. अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार मिलना उनके प्रशंसकों के लिए गर्व की बात है.
अमिताभ बच्चन: एक फिल्मी सफर जो इतिहास बना गया
अमिताभ बच्चन, भारतीय सिनेमा के शहंशाह, एक ऐसा नाम है जिसने सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उनका फिल्मी सफर संघर्ष, सफलता, उतार-चढ़ाव और फिर से शिखर तक पहुँचने की कहानी है. आइये, उनके इस अद्भुत सफर पर एक नजर डालते हैं:
शुरुआती दौर (1969-1972)
- अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1969 में फिल्म "सात हिंदुस्तानी" से की.
- शुरुआती दौर में उन्हें कई फिल्मों में सहायक भूमिकाएँ मिलीं, जैसे "आनंद" (1971) और "परवाना" (1971).
- इसी दौरान उन्हें "रेशमा और शेरा" (1971) में मुख्य भूमिका मिली, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही.
एंग्री यंग मैन का उदय (1973-1983)
- 1973 में आई फिल्म "जंजीर" ने अमिताभ बच्चन की किस्मत बदल दी. इस फिल्म में उन्होंने "एंग्री यंग मैन" की भूमिका निभाई, जो दर्शकों को खूब पसंद आई.
- इसके बाद उन्होंने "दीवार" (1975), "शोले" (1975), "त्रिशूल" (1978), "डॉन" (1978), "कालिया" (1981) जैसी कई सुपरहिट फिल्में दीं और बॉलीवुड के महानायक बन गए.
- इस दौर में उनकी फिल्में समाज के गुस्से और व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने का माध्यम बन गईं.
उतार-चढ़ाव का दौर (1984-1999)
- 1982 में फिल्म "कुली" की शूटिंग के दौरान लगी चोट ने उनके करियर को प्रभावित किया.
- 80 के दशक के अंत और 90 के दशक के शुरुआती दौर में उनकी कई फिल्में असफल रहीं.
- 1992 में उन्होंने फिल्मों से कुछ समय के लिए ब्रेक ले लिया.
वापसी और नई शुरुआत (2000-वर्तमान)
- अमिताभ बच्चन ने 2000 में फिल्म "मोहब्बतें" से एक सफल वापसी की.
- इसके बाद उन्होंने "कभी खुशी कभी ग़म" (2001), "ब्लैक" (2005), "पा" (2009), "पीकू" (2015) जैसी कई बेहतरीन फिल्में दीं.
- आज भी वह बॉलीवुड के सबसे सक्रिय और लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं.
अमिताभ बच्चन का फिल्मी सफर उनकी प्रतिभा, लगन और कड़ी मेहनत का प्रमाण है. उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे.**