Gold Rate Updates: पहले ₹70,000 प्रति तोला, अब ₹1.25 लाख के पार; जानें इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है सोने का दाम?

आर्थिक अस्थिरता के दौर में हमेशा एक सुरक्षित निवेश माना जाने वाला सोना 2025 में ऐतिहासिक तेजी से बढ़ रहा है. 2023-24 में यह ₹70,000 प्रति तोला से नीचे कारोबार कर रहा था, लेकिन अब ₹1.25 लाख से ऊपर पहुंच गया है.

Gold Rate Updates

Gold Price Today: आर्थिक अस्थिरता (Economic Instability) के दौर में हमेशा एक सुरक्षित निवेश माना जाने वाला सोना 2025 में ऐतिहासिक तेजी से बढ़ रहा है. 2023-24 में यह ₹70,000 प्रति तोला से नीचे कारोबार कर रहा था, लेकिन अब ₹1.25 लाख से ऊपर पहुंच गया है. यह वृद्धि न केवल व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा, बल्कि दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंकों (Central Banks) द्वारा भी प्रेरित है, जो अपने भंडार को मजबूत करने में व्यस्त हैं. चीन इस स्वर्ण दौड़ में सबसे आगे है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People's Bank of China) ने जनवरी से सितंबर 2025 तक लगभग 39.2 टन सोना खरीदा, जिससे चीन का कुल स्वर्ण भंडार 2,298.5 टन हो गया.

खरीदारी औसतन 2 से 5 टन प्रति माह की दर से जारी रही, हालांकि सितंबर में यह 0.4 टन तक सीमित थी.

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डॉलर पर निर्भरता कम करने की कोशिश

विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की सोने की खरीदारी का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर (US Dollar) पर अपनी निर्भरता कम करना है. डॉलर-मूल्यवर्गीय भंडार (Dollar-Denominated Reserves) रखने के बावजूद, चीन अपनी परिसंपत्तियों में विविधता लाना चाहता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने को एक स्थिर और तटस्थ परिसंपत्ति (Neutral Asset माना जाता है.

वैश्विक तनाव भी बढोत्तरी के लिए जिम्मेदार

वैश्विक राजनीतिक तनाव भी इस उछाल में योगदान दे रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप, देशों ने ऐसी परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना शुरू कर दिया है, जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों या राजनीतिक दबाव से अप्रभावित हैं. इसके अलावा, मुद्रास्फीति और मुद्रा अस्थिरता (Inflation and Currency Instability) के समय में सोना क्रय शक्ति (Purchasing Power) बनाए रखने में मदद करता है.

भारत में भी स्वर्ण भंडार जुटाने की कोशिश

भारत ने भी इसी प्रवृत्ति का अनुसरण किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने स्वर्ण भंडार में लगातार वृद्धि की है, जो अब 880 टन है. इसमें से लगभग 512 टन नागपुर और मुंबई में घरेलू स्तर पर रखा गया है, जबकि शेष भंडार विदेशी संस्थानों में रखा गया है. पिछले एक दशक में भारत के स्वर्ण भंडार में लगभग 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

आर्थिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूती देगा Gold

वैश्विक स्तर पर, केंद्रीय बैंक भी 2022 से सालाना 1,000 टन से अधिक सोना खरीद रहे हैं. इसका उद्देश्य डॉलर से दूरी बनाना, राजनीतिक जोखिमों से बचाव करना, मुद्रास्फीति से बचाव करना और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है.

सोने की यह बढ़ती मांग न केवल निवेशकों के लिए अवसर पैदा कर रही है, बल्कि देशों के आर्थिक सुरक्षा नेटवर्क को भी मजबूत कर रही है.

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