Millennials की वजह से ऑटो सेक्टर में मंदी पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बयान से सहमत नहीं मारुति सुजुकी, कहा- ओला, उबर की वजह से सेल में नहीं आई गिरावट

युवा आबादी में ओला, उबर सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ना आर्थिक मंदी का कोई ठोस कारण नहीं है बल्कि इसके विपरीत इस संबंध में किसी निष्कर्ष पर पहुंवने के लिए एक विस्तृत अध्ययन किये जाने की आवश्यकता है. देश के सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहा है. उन्होंने कहा कि मंदी से निपटने के लिए पिछले माह घोषित किये गये सरकार के उपाय पर्याप्त नहीं हैं

मारुति सुजुकी (photo credit-Wikimedia Commons)

गुवाहाटी : युवा आबादी में ओला (Ola), उबर (Uber ) सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ना आर्थिक मंदी का कोई ठोस कारण नहीं है बल्कि इसके विपरीत इस संबंध में किसी निष्कर्ष पर पहुंवने के लिए एक विस्तृत अध्ययन किये जाने की आवश्यकता है. देश के सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहा है. मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) के विपणन और बिक्री विभाग के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने यहां एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत में कार खरीदने को लेकर धारणा में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है और लोग अपनी आकांक्षा के तहत कार की खरीदते हैं.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि ज्यादातर लोगों की सोच में बदलाव आया है जो अब मासिक किस्तों की अदायगी करते हुए एक कार खरीदने की जगह ओला और उबर जैसे टैक्सी सेवा का लाभ लेना पसंद करते हैं और यह आटो मोबाइल क्षेत्र में मंदी के कई कारणों में से एक है.

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श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मौजूदा मंदी के पीछे ओला और उबर जैसी सेवाओं का होना कोई बड़ा कारण नहीं है. मुझे लगता है कि इस तरह के निष्कर्षो पर पहुंचने से पहले हमें और गौर करना होगा और अध्ययन करना होगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ओला और उबर जैसी सेवायें पिछले 6-7 वर्षो में सामने आई हैं. इसी अवधि में आटो उद्योग ने कुछ बेहतरीन अनुभव भी हासिल किये हैं. इसलिए केवल पिछले कुछेक महीनों में ऐसा क्या हुआ कि मंदी गंभीर होती चली गई? मुझे नहीं लगता कि ऐसा केवल ओला और उबर की वजह से हुआ है.’’

उन्होंने कहा कि मंदी से निपटने के लिए पिछले माह घोषित किये गये सरकार के उपाय पर्याप्त नहीं हैं और ये उपाय उद्योग के दीर्घावधिक स्वास्थ्य के लिए मददगार हो सकते हैं क्योंकि ये बुनियादी तौर पर ग्राहकों की धारणाओं पर ध्यान देते हैं.

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