Davis Cup 2024: रोहित राजपाल की गैरमौजूदगी में डेविस कप के लिए टीम इंडिया का कप्तान बने जीशान अली
इसे नियति कहें या संयोग। पिछली बार 1964 में पाकिस्तान दौरे पर गई भारत की डेविस कप टीम में अख्तर अली अहम खिलाड़ी थे। छह दशक बाद दोनों पड़ोसी देश एक बार फिर पाकिस्तान पर सरजमीं पर टेनिस मुकाबले के लिए आमने-सामने होंगे और इस बार अख्तर के बेटे जीशान अली भारतीय टीम के कप्तान की भूमिका निभाएंगे.
Davis Cup 2024: इस्लामाबाद, 30 जनवरी इसे नियति कहें या संयोग। पिछली बार 1964 में पाकिस्तान दौरे पर गई भारत की डेविस कप टीम में अख्तर अली अहम खिलाड़ी थे. छह दशक बाद दोनों पड़ोसी देश एक बार फिर पाकिस्तान पर सरजमीं पर टेनिस मुकाबले के लिए आमने-सामने होंगे और इस बार अख्तर के बेटे जीशान अली भारतीय टीम के कप्तान की भूमिका निभाएंगे. जीशान को हालांकि अस्थाई तौर पर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. तब अख्तर अली ने पांच में से तीन मैच खेले थे. उन्होंने पहला एकल मुकाबला जीतने के अलावा प्रेमजीत लाल के साथ मिलकर युगल मुकाबला जीता था. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के खिलाफ डेविस कप मुकाबलों से पहले रोहन बोपन्ना ने भारतीय टेनिस खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला, देखें पोस्ट
मुनव्वर इकबाल के खिलाफ उनका तीसरा मैच पूरा नहीं हो सका था और भारत ने 4-0 से जीत दर्ज की थी. अख्तर और प्रेमजीत दोनों का निधन हो चुका है. नियमित कप्तान रोहित राजपाल घर में चिकित्सा समस्या के कारण इस्लामाबाद नहीं आ सकें जिसके बाद जीशान को कोच और कप्तान की दोहरी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
अखिल भारतीय टेनिस महासंघ (एआईटीए) के सचिव अनिल धूपर ने मंगलवार को यहां ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘हमारे गैर खिलाड़ी कप्तान रोहित राजपाल निजी कारणों से टीम के साथ यात्रा नहीं कर पाए. मुझे यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि हमने बेहद सीनियर खिलाड़ी जीशान अली को आज टीम का कप्तान नियुक्त किया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (जीशान) इस मुकाबले के लिए कप्तान होंगे और हमें विश्वास है कि भारत उनकी कप्तानी में पाकिस्तान में ठोस प्रदर्शन करेगा.’’
जीशान के लिए यह भावुक लम्हा है जो 2013 से भारत के कोच हैं.
जीशान ने तीन-चार फरवरी को होने वाले मुकाबले से पूर्व पीटीआई से कहा, ‘‘मेरे पिता 1964 की उस टीम का हिस्सा थे इसलिए 60 साल बाद भारतीय टीम के साथ यहां आना वास्तव में मेरे और मेरे परिवार के लिए एक शानदार लम्हा है. मैं इसे लेकर उत्सुक हूं कि इस सप्ताह क्या होने वाला है. मुझे यकीन है कि लड़के शानदार प्रदर्शन करेंगे और हम यह मुकाबला जीतेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ा सम्मान है. मैं आठ साल तक डेविस कप खेला और 2013 में मैं टीम का कोच बन गया और अब कप्तान बनना वास्तव में एक बड़ा सम्मान और भारत की सेवा करने का अवसर है.’’
जीशान ने कहा, ‘‘पहले तो मैं चाहता था कि राजपाल यहां होते और उन्हें घर में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता. दूसरा, हमें अंदाजा था कि ऐसा हो सकता है. यह किसी भी खिलाड़ी के लिए गर्व का क्षण है, ऐसे बहुत से लोग नहीं हैं जो खेले, कोच बने और फिर कप्तान बने इसलिए मुझ पर भरोसा करने के लिए मैं अनिल जैन, अनिल धूपर और रोहित को धन्यवाद देता हूं.’’
जीशान भारतीय डेविस कप ढांचे का अहम हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कोच के अपने कार्यकाल के दौरान लिएंडर पेस, आनंद अमृतराज, एसपी मिश्रा, महेश भूपति और राजपाल के साथ काम किया है.
जीशान ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं क्या काम करना है और इससे कप्तान के रूप में मेरा काम आसान हो जाता है। खिलाड़ी मुझे जानते हैं और मैं उन्हें जानता हूं. कप्तान होने के नाते जिम्मेदारियां अधिक होती हैं लेकिन यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे मैं वर्षों से गुजर रहा हूं और अब यह ध्यान केंद्रित करने तथा खिलाड़ियों को तैयार रखने का सवाल है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पदनाम को छोड़कर बहुत कुछ नहीं बदला है.’’
भारतीय डेविस कप टीम 60 साल में पहली बार पाकिस्तान का दौरा कर रही है. पाकिस्तान को जीत से काफी कुछ हासिल हो सकता है और प्रबल दावेदार होने के कारण भारत का भी बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है.
जीशान ने कहा, ‘‘भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर बहुत हाईप है लेकिन हमारे खिलाड़ी पेशेवर हैं।. वे पाकिस्तान के खिलाड़ियों के खिलाफ खेल चुके हैं. ऐसाम और रोहन बोपन्ना जब टीम के रूप में खेलते थे तो उन्हें इंडो-पाक एक्सप्रेस कहा जाता था. हां, हाईप है लेकिन हम इसे किसी अन्य मैच की तरह ले रहे हैं, हम यहां अपना काम करने आए हैं.’’
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