देश की खबरें | वाईएसआरसी ने विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक प्रभुत्व पुन: कायम किया, बारिश ने मचाई तबाही

अमरावती, 23 दिसंबर वर्ष 2021 आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के लिए मिला-जुला साल रहा। पार्टी ने नगर निकाय चुनावों में शानदार जीत हासिल करके प्रतिद्वंद्वी दल तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) के खिलाफ अपना राजनीतिक प्रभुत्व फिर से कायम किया, लेकिन ‘तीन राजधानियों’ समेत अपने नीतिगत निर्णयों को पलटने के कारण उसे विपक्षी दल की आलोचना झेलनी पड़ी।

वर्ष के अंत में मॉनसून के प्रकोप के कारण रायलसीमा में तबाही मची और जान-माल का नुकसान हुआ। कोविड-19 की इस साल आई दूसरी लहर अगस्त में चरम पर पहुंची और संक्रमण के कुल मामलों की संख्या दो करोड़ पहुंच गई।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी अकसर कहते रहे हैं कि वह अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन कई मुख्य मामलों पर सरकार के रुख में स्पष्ट बदलाव देखा गया। शराब के पूर्ण निषेध की ‘‘स्वीकृत’’ नीति को केवल ‘‘खपत में कमी’’ से बदल दिया गया। चरणबद्ध तरीके से शराब पर प्रतिबंध लगाना रेड्डी के ‘नवरत्नालु’ (नवरत्न) कार्यक्रम में प्रमुख रहा है। रेड्डी ने इन कार्यक्रमों को अपनी ‘‘भगवद्गीता, कुरान और बाइबल’’ करार दिया था। सरकार को शराब की बिक्री से होने वाले लाभ में बढ़ोतरी हुई है।

जन सेना राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष नदेन्दला मनोहर ने कहा, ‘‘नवरत्नालु नौ पिन की तरह गिर रहे हैं। शराबबंदी पर पलटना इसका ज्वलंत उदाहरण है। हर वादे से पीछे हटना जगन के प्रशासन की पहचान बन गया है।’’

विधान परिषद में विपक्ष के नेता यनमाला रामकृष्णुडु ने कहा कि जगन आंध्र प्रदेश को इस हद तक ‘‘नीचे की ओर’’ ले गए हैं कि कल्याणकारी योजनाएं शराब से होने वाली आय के माध्यम से ही संभव हैं। वाईएसआर कांग्रेस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

सरकार ने राज्य की तीन राजधानियां बनाने के लिए दो साल तक संघर्ष किया, लेकिन आंध्र प्रदेश विधानसभा ने विवादास्पद ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास कानून, 2020’ को निरस्त करने के लिए नवंबर में एक विधेयक पारित किया। इस कानून का उद्देश्य राज्य के लिए तीन राजधानियां स्थापित करना था।

हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार एक ‘‘व्यापक, पूर्ण और बेहतर’’ विकेंद्रीकरण विधेयक लाएगी और लोगों के व्यापक हितों की रक्षा के लिए 2020 के कानून को निरस्त किया गया है।

इसके अलावा, आंध्र प्रदेश विधान परिषद को समाप्त करने संबंधी अपने पिछले वैधानिक प्रस्ताव को सरकार ने वापस ले लिया और परिषद को जारी रखने के प्रावधान वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

सरकार ने नौकरियों में भर्ती संबंधी कैलेंडर, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को अपने कब्जे में लेने और अंशदायी पेंशन योजना को निरस्त करने समेत कई मामलों पर अपने आदेशों को पलट दिया।

प्रशासनिक मामलों पर अपना रुख पलटने के कारण विपक्ष के निशाने पर आई वाईएसआरसी ने ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों में शानदार प्रदर्शन करके तेदेपा से हिसाब-किताब बराबर कर लिया।

इसके अलावा, आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रकोप अगस्त में चरम पर पहुंचा और 20 अगस्त को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ का आंकड़ा पार गई।

रायलसीमा क्षेत्र में नवंबर में आई बाढ़ के कारण कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई और खासकर कडपा जिले में सैंकड़ों परिवार बेघर हो गए।

वर्ष 2021 के अंत में कर्मचारियों ने वेतन संशोधन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत उनकी लंबित मांगें पूरी नहीं किए जाने के कारण विरोध प्रदर्शन किया। सरकार कर्मचारियों के मुद्दों को हल करने के लिए समय सीमा तय कर रही है, लेकिन मुख्य रूप से वेतन वृद्धि को लेकर वार्ता में गतिरोध पैदा हो गया है।

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