देश की खबरें | सुदूर क्षेत्रों तक चिकित्सा सेवाएं मजबूत करने में सहयोगी बनें युवा चिकित्सक: मिश्र

जयपुर, नौ अप्रैल राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को युवा चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे दूर-दराज के गांवों और आदिवासी अंचल में चिकित्सकीय सेवाओं को सुदृढ़ करने में सहयोगी बनें। मिश्र ने कहा कि राज्य के पिछड़े इलाकों, गांवों, आदिवासी व जनजाति क्षेत्रों में प्रचलित रोगों के निदान और उपचार के लिए युवा चिकित्सक पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करें।

राज्यपाल मिश्र यहां राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आरयूएचएस अस्पताल और एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों सहित समस्त कर्मियों ने जिस तरह दिन-रात एक कर दिए, वह अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक आगे भी अपने चिकित्सकीय ज्ञान का उपयोग इसी तरह मानवता के कल्याण के लिए करें।

उन्होंने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को ऐसे पाठ्यक्रमों की पहल करनी चाहिए जिनमें आधुनिक ज्ञान के साथ अतीत की परम्परा को जोड़ते हुए चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाया जाए।

चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि कोरोना के विकट दौर में राजस्थान में हुए सूक्ष्म प्रबंधन की सराहना देश- विदेश में हुई।

प्रख्यात चिकित्सक डॉ. शशांक आर. जोशी ने दीक्षांत व्याख्यान देते हुए कहा कि टीकाकरण और तीसरी लहर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मौजूद होने के कारण कोरोना वायरस के नये स्वरूप को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, यह ओमीक्रॉन का ही एक रूप है। उन्होंने सभी को सतर्कता बरतते हुए कोविड अनुरूप व्यवहार का पालना करते रहने की सलाह भी दी।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में शीघ्र ही संघटक फार्मेसी महाविद्यालय शुरू किए जाने की योजना है। समारोह में मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. पुरुषोत्तम लाल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नयी दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को डॉक्टर ऑफ साइंस (मेडिसिन) की मानद उपाधि प्रदान की गई।

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