बेंगलुरु, 26 जुलाई बी एस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया। राज्य में कई महीनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थी और येदियुरप्पा ने आज उस दिन इस्तीफा दे दिया जब उनकी सरकार के दो वर्ष पूरे हो गये है।
उन्होंने इन दो वर्षों को ‘‘अग्नि परीक्षा’’करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोना वायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं।
येदियुरप्पा (78) ने राजभवन में गहलोत को इस्तीफा सौंपा। उन्होंने बताया कि उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘‘स्वेच्छा से’’ इस्तीफा दिया है।
येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैंने दो महीने पहले इस्तीफा देने का फैसला किया था। आज हमारी सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। मुझे लगा कि अब इस्तीफा देना उचित है और राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है, और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।’’
राज्यपाल के कार्यालय से एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि गहलोत ने येदियुरप्पा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनकी अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
राज्य की सेवा करने का मौका देने के लिए पार्टी नेताओं और लोगों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, उन पर दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का कोई ‘‘दबाव’’ नहीं था, और मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने के लिए दूसरों के वास्ते रास्ता बनाने के लिए ‘‘स्वेच्छा से’’ पद छोड़ दिया है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अगला मुख्यमंत्री कौन हो, इस पर मैं कोई प्रस्ताव नहीं दूंगा, यह फैसला आलाकमान को करना है। वे जिसे भी चुनेंगे, मैं सहयोग करूंगा और साथ काम करूंगा। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता।’’
येदियुरप्पा के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में जिन नामों की चर्चा चल रही है, उनमें केंद्रीय मंत्री प्रह्ललाद जोशी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि, राष्ट्रीय आयोजन सचिव बी एल संतोष और राज्य विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी शामिल हैं। गृह मंत्री बसवराज एस बोम्मई, राजस्व मंत्री आर अशोक और उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण के नाम भी चर्चा में हैं।
इस बीच, राज्यपाल कार्यालय ने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक येदियुरप्पा मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे।
दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनाने के मुख्य कर्ता-धर्ता येदियुरप्पा ने चार बार राज्य का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में शत-प्रतिशत बने रहेंगे और कल से ही भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी कारण से राजनीतिक सेवानिवृत्ति का कोई सवाल ही नहीं है, मैं कार्यकर्ताओं और लोगों के साथ हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने मुझे इस ऊंचाई तक पहुंचाया है, शायद देश में किसी अन्य राजनीतिज्ञ को वह विशेषाधिकार नहीं मिला है जो मुझे मिला है।’’ जब उनसे पूछा गया कि अगर उन्हें राज्यपाल बनाने का प्रस्ताव मिलता है तो वह क्या इसे स्वीकार करेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने मुझे केंद्रीय मंत्री बनने की पेशकश की थी, तो मैंने कहा था कि नहीं।’’
येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘राज्यपाल बनने का सवाल ही नहीं है। मैं कर्नाटक में संगठन को मजबूत करने के लिए काम करूंगा। मैंने कोई पद नहीं मांगा है और न ही इसे स्वीकार करूंगा।’’
इससे कुछ ही घंटों पहले, उन्होंने कहा था कि वह मध्याह्न भोजन के बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। येदियुरप्पा ने भावुक होते हुए एवं रुंधे गले से कहा था, ‘‘मेरी बात को अन्यथा मत लीजिएगा, आपकी अनुमति से... मैंने फैसला किया है कि मैं मध्याह्न भोजन के बाद राजभवन जाऊंगा और मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौपूंगा।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘मैं दु:खी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं।’’
येदियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का धन्यवाद किया। भाजपा में 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निर्वाचित कार्यालयों से बाहर रखने का अलिखित नियम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। येदियुरप्पा ने यहां विधान सौध में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही।
बाद में येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य के लोगों को उनकी सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं आभारी हूं और ईमानदारी से उन्हें धन्यवाद देता हूं।’’
कांग्रेस-जद (एस) से अलग होकर भाजपा को सत्ता में आने में मदद करने वाले और अब मंत्री पदों पर आसीन नेताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘सभी हमारे साथ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि अगला मुख्यमंत्री भी उन लोगों का सहयोग करेगा जिन्होंने इस सरकार को बनाने में मदद की। सब मिलकर काम करेंगे।’’
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