लॉकडाउन के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध के विजय दिवस पर नहीं दिखी रौनक, अमेरिका में रिकॉर्ड बेरोजगारी

वहीं, अटलांटिक के उस पार अमेरिका में अमेरिकी 1948 के बाद पहली बार बेरोजगारी दर उच्चतम स्तर पर पहुंचने को लेकर आशंकित है।

यूरोप में करीब 75 साल पहले विश्वयुद्ध की समाप्ति के साथ महाद्वीप में नरसंहार समाप्त होने की खुशी में लाखों लोग ध्वजों के साथ सड़कों पर नृत्य करते और विजयी संकेत दिखाते हुए उतर गए थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

ब्रिटेन में इस बार सड़कों पर पार्टी करने पर रोक है। फ्रांस में राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने आर्क डी ट्रियोम्फे स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। चैंप्स-एलिसेस एवेन्यू स्थित इस स्मारक पर उस समय कोई नहीं था क्योंकि देश में सख्त लॉकडाउन नियम लागू है जो सोमवार तक प्रभावी रहेगा।

इससे एक दिन पहले, मैक्रों ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से बात की थी जिन्होंने स्वयं मॉस्कों में शनिवार को होने वाली विशाल विजय दिवस परेड को कोरोना वायरस महामारी की वजह से रद्द कर दिया है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, मैक्रों ने कहा, ‘‘महामारी की वजह से महाद्वीप और बाकी दुनिया में शांति और स्थिरता का निर्माण पहले से कहीं अधिक आवश्यक है।’’

कोविड-19 से करीब 26 हजार लोगों की मौतों की वजह से फ्रांस दुनिया के सबसे प्रभावित पांच देशों में शामिल है। ब्रिटेन 30 हजार मौतों के साथ अमेरिका के बाद कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देश है। अमेरिका में अब तक 76 हजार लोगों की मौत हुई है। रूस में अबतक कोरोना वायरस से 1,625 लोगों की मौत हुई है लेकिन नये संक्रमितों की संख्या रोजाना 10 हजार की दर से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का विश्वास है कि खासतौर पर रूस में मौतों का आंकड़ा कम कर बताया जा रहा है ताकि कोरोना वायरस के असर को कम कर दिखाया जा सके।

जर्मनी में राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर, चांसलर एंजेला मर्केल और संसद और शीर्ष अदालत के प्रमुख ने युद्ध और बर्लिन हिंसा में मारे गए लोगों की याद में बने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

स्टीनमीयर ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी हमें अकेले जश्न मनाने के लिए मजबूर कर रही है।’’ उन्होंने जर्मन लोगों का आह्वान किया कि वे कोरोना वायरस की महामारी के बीच खुद को यूरोपीय समझें और उसी के अनुरूप कार्य करें।’’

यूरोपीय देशों और अमेरिका ने संभावित, अव्यवस्थित और यहां तक की पूरे तरह से अलग तरीके से लॉकडाउन से बाहर निकलने का खाका तैयार किया है जबकि वे अभी भी संक्रमण के दूसरे दौर को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। चीन और दक्षिण कोरिया ने ऐसे लॉकडाउन के उपायों में ढील के खतरे को रेखांकित किया है। दोनों एशियाई देशों में ढील दिए जाने के बाद शुक्रवार को कोविड-19 के अधिक मामले सामने आए।

दक्षिण कोरिया में कोविड-19 के 13 नये मामले सामने आए। पांच दिनों में पहली बार नये मामलों की संख्या 10 से अधिक है। करीब एक दर्जन मामले उस 29 वर्षीय व्यक्ति से जुड़े हैं जो गत सप्ताहांत तीन नाइट क्लब गया था।

उप स्वास्थ्य मंत्री किम गैंग लिप ने कहा, ‘‘ साफ पानी में स्याही की बूंद तेजी से फैलती है।’’ उन्होंने कोविड-19 पर मुश्किल से जीत दर्ज करने के बाद अधिक सतर्कता का आह्वान किया। लिप ने कहा, ‘‘कोई भी स्याही की उस बूंद की तरह बन सकता है जिससे कोविड-19 फैल सकता है।’’

दक्षिण कोरिया के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने कहा कि अगर कोविड-19 के मामलों में आने वाले सप्ताहांत में वृद्धि होती है तो देश संभवत: स्कूलों को दोबारा खोने की योजना को टाल सकता है।

चीन, जहां पर सबसे पहले गत वर्ष कोविड-19 का मामला सामने आया था वहां 17 नये मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें से 16 लोगों में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं है। हालांकि, गत तीन हफ्ते में चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन में ढील के बाद प्रत्येक देश में किसी न किसी रूप में संक्रमण का दूसरा चरण आएगा। वहीं, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका पर लॉकडाउन का असर शुक्रवार को तब दिखाई देगा जब सरकार अप्रैल महीने की बेरोजगारी दर पर रिपोर्ट जारी करेगी।

डाटा उपलब्ध कराने वाली संस्था फैक्टसेट के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, यह दर 16 प्रतिशत या इससे अधिक हो सकती है। संक्रमण की शुरुआत होने के बाद से अबतक 3.3 करोड़ अमेरिकियों ने बेरोजगारी लाभ पाने के लिए आवेदन किया है और विशेषज्ञों का कहना है कि कम से कम 2.1 करोड़ नौकरियां चली जाएगी। इसका अभिप्राय होगा कि 2008 की महामंदी के बाद 11 साल में जितनी नौकरियां सृजित हुईं वे सभी मात्र महीने में खत्म हो जाएंगी। हालांकि, इन आंकड़ों में उनको शामिल नहीं किया गया है जिनके काम के घंटों या वेतन में कटौती की गई है।

एशिया में लाखों दिहाड़ी मजदूर भूखे रहने को मजबूर हो रहे क्योंकि उनकी नौकरी चली गई है। अफ्रीका की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र से जुड़़े रोजगार पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। यूरोजोन (जहां यूरो मुद्रा चलती है) के 19 देशों में आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था के 10 प्रतिशत सिकुड़ने की आशंका है।

अनुमान है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में वर्ष 1706 के बाद पहली बार सिकुड़न आएगी।

वर्ष 1945 में यूरोप की गठबंधन सेना के सामने नाजी जर्मनी के आत्मसमर्पण की वर्षगांठ पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चेतावनी दी कि कोरोना वायरस से विदेशी लोगों के प्रति नफरत, बली का बकरा बनाने और आक्रामकता के खतरे की सुनामी आ सकती है।

उन्होंने वैश्विक स्तर पर नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकने की अपील की।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चेतावनी दी कि विदेश विरोधी भावना इंटरनेट और सड़कों पर बढ़ रही है। यहूदी विरोधी साजिश के सिद्धांत का प्रसार हो रहा है और कोविड-19 को लेकर मुसलमानों के खिलाफ हमले की घटनाएं सामने आई हैं।

जॉंन हॉपिकिंस विश्वविद्यालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में 38 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और करीब 2,70,000 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, सीमित जांच, मृतकों की संख्या में गिनने में अंतर और कुछ सरकारों द्वारा पर्दा डालने की कोशिश के चलते निसंदेह संक्रमण का प्रकोप कहीं अधिक है।

ईरान, अमेरिका द्वारा लगाए गए कड़े आर्थिक प्रतिबंधों के बीच कोविड-19 की महामारी से अब भी लड़ रहा है। पश्चिम एशिया में ईरान सबसे अधिक प्रभावित देश है। अर्ध सरकारी समाचार एजेंसी तसनिम ने बताया कि ईरान में दो महीने के प्रतिबंध के बाद 146 शहरों की मस्जिदों में जुमे की नमाज दोबारा शुरू करने की अनुमति दे दी गई। हालांकि, सभी प्रांतीय राजधानियों सहित बड़े शहरों में नमाज के लिए एकत्र होने पर रोक जारी रहेगी।

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