नयी दिल्ली, 9 दिसंबर: विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को महिलाओं को ‘विभाजनकारी राजनीति’ से आगाह किया और कहा कि वे एक बड़ी ‘जाति’ हैं, जो किसी भी चुनौती का मिलकर सामना कर सकती हैं. ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ की महिला लाभार्थियों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सभी महिलाओं को एक साथ रहना चाहिए। आजकल, कुछ लोग महिलाओं के बीच दरार पैदा कर रहे हैं. सभी महिलाओं की एक जाति होती है, जो इतनी बड़ी है कि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं.’’
बाद में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उन्होंने महिलाओं को विभाजनकारी राजनीति से सतर्क होने के लिए आगाह किया, ताकि उनके बीच दरार ना पैदा की जा सके. सत्तारूढ़ भाजपा ने कई कल्याणकारी योजनाओं के साथ महिला मतदाताओं को लुभाया है. कुछ सर्वेक्षणों से पता चला है कि महिलाओं ने कई विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए अधिक उत्साह से मतदान किया है. मोदी की इस टिप्पणी को कांग्रेस और अन्य दलों पर कटाक्ष के तौर पर देखा जा रहा है, जो जाति आधारित जनगणना पर जोर दे रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री पिछले कुछ दिनों से लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि गरीब, महिलाएं, युवा और किसान उनके लिए चार सबसे बड़ी जातियां हैं और इनकी प्रगति से भारत विकसित बनेगा.
बिहार के दरभंगा की प्रियंका यादव के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने उक्त टिप्पणी की. प्रियंका ने कहा था कि कैसे केंद्र सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं ने उनके परिवार को कोविड-19 के प्रकोप के बाद वित्तीय संकट से उबरने में मदद की, क्योंकि उन्हें मुफ्त अनाज और नकद लाभ भी मिला. प्रधानमंत्री ने उनसे अपने गांव में सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि ‘मोदी की गारंटी’ वाली गाड़ी देश के हर गांव तक पहुंच रही हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कल्याणकारी योजना को सफल बनाने के लिए हर लाभार्थी तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम पहले कागजों और फीता काटने के समारोहों तक ही सीमित रहते थे. जम्मू-कश्मीर के शेखपुरा की दूध विक्रेता और विकसित भारत संकल्प यात्रा की लाभार्थी नाजिया नजीर ने कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ उनके गांव के लिए बेहद लाभकारी साबित हुआ है, क्योंकि पहले वहां पानी की समस्या थी, लेकिन आज नल से स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति उनके घरों तक पहुंच रही है.
मोदी ने जिन अन्य लाभार्थियों के साथ बातचीत की, उनमें एक किन्नर समुदाय की मोना भी शामिल थीं. वह रांची की रहने वाली थीं और ‘पीएम स्वनिधि योजना’ के माध्यम से 10,000 रुपये का ऋण लेने के बाद अब चंडीगढ़ में एक चाय की दुकान की मालकिन हैं. प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि किन्नर समुदाय को सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की केंद्र सरकार की भावना को रेखांकित किया और कहा कि विकास समाज के हर तबके तक पहुंच रहा है.
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