नयी दिल्ली, 12 जुलाई निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड से जून में 92,248 करोड़ रुपये की भारी निकासी हुई।
ऐसा व्यापक आर्थिक माहौल में अनिश्चितता, ब्याज दर में बढ़ोतरी, उच्च जिंस कीमतों और वृद्धि में कमी के चलते हुआ।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, इन म्युचुअल फंड से मई में 32,722 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी, जबकि अप्रैल में इनमें 54,756 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
समीक्षाधीन माह के दौरान 16 निश्चित आय या डेट फंड श्रेणियों में 14 से शुद्ध निकासी हुई। इस दौरान ओवरनाइट, लिक्विड और अति लघु अवधि के फंड जैसे खंड से भारी निकासी देखी गई।
इस दौरान केवल 10 साल की अवधि के गिल्ट फंड और लंबी अवधि के फंड में ही निवेश आया।
महिलाओं के लिए भारत के पहले वित्तीय मंच एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने कहा कि शुद्ध निकासी से संकेत मिलता है कि रेपो दर में बढ़ोतरी और उच्च मुद्रास्फीति के कारण निवेशकों को निकट अवधि में धन की आवश्यकता है।
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