T20 World Cup: ओह, मुझे नहीं पता...केन विलियमसन ने टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपने भविष्य को लेकर कही यह बात
Kane Williamson (Photo Credit: Hotstar/X)

तारोबा (त्रिनिदाद), 18 जून: न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने कहा कि टी20 विश्व कप से जल्द बाहर होने के बाद टीम को फिर से एकजुट होने के लिए कुछ समय की जरूरत है. उन्होंने साथ ही 2026 में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपनी वापसी को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई.

आधुनिक क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले सभी प्रारूपों के खिलाड़ी विलियमसन एक दशक से अधिक समय से न्यूजीलैंड के बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ रहे हैं. यह भी पढ़ें: West Indies Set New Record: वेस्टइंडीज ने टी20 वर्ल्ड कप में रचा इतिहास, तोड़ा 10 साल पुराना रिकॉर्ड, इन दो बल्लेबाजों ने मचाया कोहराम

विलियमसन की मौजूदगी में न्यूजीलैंड तीन बार विश्व कप फाइनल में पहुंचा जिसमें 2015 और 2019 में एकदिवसीय विश्व कप और 2021 में टी20 विश्व कप शामिल हैं। इसके अलावा पहला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप खिताब भी जीता. इन चार टूर्नामेंट में से तीन में विलियमसन ने टीम की कप्तानी की.

जब विलियमसन से पूछा गया कि क्या वे 2026 के टूर्नामेंट में वापसी करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘ओह, मुझे नहीं पता.’’

न्यूजीलैंड का अभियान पापुआ न्यू गिनी पर सात विकेट की आसान जीत के साथ समाप्त हुआ। वे 10 वर्षों में पहली बार सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाए। तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ ट्रेंट बोल्ट ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि मौजूदा टी20 विश्व कप उनका आखिरी होगा.

विलियमसन ने कहा, ‘‘अभी और तब के बीच थोड़ा समय है इसलिए यह एक टीम के रूप में फिर से एकजुट होना है. और हां, हमें अगले साल मुख्य रूप से लाल गेंद का क्रिकेट खेलना है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘अन्य प्रारूपों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलूंगा और फिर देखता हूं कि चीजें कैसे रहती हैं.’’

टी20 विश्व कप से न्यूजीलैंड के जल्द बाहर होने पर इस 34 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा ‘‘मुझे लगता है कि चाहे कुछ भी हो जाए आप हमेशा कुछ अधिक करना चाहते हैं.’’ विलियमसन ने कहा, ‘‘लेकिन यह वास्तव में अनोखा रहा है, सभी लोगों के लिए एक अनूठा अनुभव. मुझे लगता है कि बल्लेबाजों के लिए परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण रही हैं, लेकिन यह बस एक रास्ता खोजने की कोशिश करने के बारे में है.’’

न्यूजीलैंड अपने अभियान की शुरुआत करने वाली आखिरी टीम थी. वे चार दिनों के भीतर सुपर आठ की दौड़ से बाहर हो गए क्योंकि उन्हें अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार मैचों में हार का सामना करना पड़ा.

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