लाहौर, 12 अक्टूबर: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह न तो देश छोड़ेंगे और न ही कानून और संविधान के शासन को कायम रखने के लिए ‘हकीकी (असली) आजादी’ की अपनी कोशिश से एक इंच पीछे हटेंगे. खान के परिवार ने बृहस्पतिवार को उनके सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ अकाउंट पर पाकिस्तान के लोगों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री का संदेश साझा किया.
‘एक्स’ पर किए गए उनके पोस्ट में कहा गया है, “ जो लोग कह रहे हैं कि मैं मुल्क छोड़ दूं,वे जानते हैं कि मैं पाकिस्तान में ही जिऊंगा और मरूंगा और मैं किहीं भी जाने के लिए अपना वतन नहीं छोड़ूंगा. भले ही वह मुझे किसी भी जेल में रखें और मेरे लिए कैसे भी हालात पैदा कर दें, मैं अपने ‘हकीकी आज़ादी’, कानून के शासन और पाकिस्तान के संविधान जिसके मूल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव है, के लिए अपनी कोशिश से एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा.”
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख राजनयिक संदेश को लीक करने को लेकर शासकीय गोपनीयता मामले में रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल में न्यायिक हिरासत हैं. उन्होंने कहा, “ बता दूं कि आज के इमरान खान और पांच अगस्त 2023 को जेल भेजे गए इमरान खान के बीच दिन-रात का अंतर है. आज मैं मजबूत और आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक रूप से पहले से कहीं ज्यादा फिट हूं.”
खान को इस साल पांच अगस्त को इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाखाना मामले में उन्हें तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उन्हें अटक जेल भेज दिया गया था. बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सज़ा पर रोक लगा दी थी लेकिन उन्हें राजनयिक संदेश को लीक करने से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. जेल की अपनी दशा के बारे में खान ने कहा, “ जब मुझे अटक जेल में अवैध रूप से कैद किया गया था, तो पहले कुछ दिन खासकर चुनौतीपूर्ण थे.
मुझे बेड नहीं दिया गया और मुझे फर्श पर सोना पड़ा और मेरे ऊपर कीड़े और मच्छर थे. लेकिन वक्त के साथ मैंने जेल की परिस्थितियों से अच्छी तरह तालमेल बिठा लिया है.” जहां तक राजनयिक संदेश को लीक करने के मामले का सवाल है, तो खान ने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा और अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू को बचाने के लिए " झूठा मामला" बनाया गया है.
खान (71) को पिछले साल मार्च में अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गुप्त राजयनिक संदेश को लीक करने के आरोप में शासकीय गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, “ “मैं देश का चुना हुआ प्रधानमंत्री था. जनरल बाजवा ने मेरे और मेरी सरकार के खिलाफ देशद्रोह किया गया. सत्ता बदलने की विदेशी साजिश की जांच करने के बजाय, इस देशद्रोह के बारे में पाकिस्तान के लोगों, इस देश के वास्तविक रक्षकों को सूचित करने के लिए मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.”
अप्रैल 2022 में खान की सरकार अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद गिर गई थी और उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. पीटीआई प्रमुख ने अपने समर्थकों से आग्रह किया कि वे अपना संघर्ष न छोड़ें और "देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव" की मांग करते रहें. खान के खिलाफ करीब 180 मामले दर्ज हैं. पाकिस्तान में आम चुनाव जनवरी 2024 के आखिरी सप्ताह में होने की उम्मीद है.
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