जरुरी जानकारी | पेट्रोलियम, विनिर्मित उत्पादों के दाम बढ़ने से अगस्त में थोक मुद्रास्फीति 11.39 प्रतिशत पर पहुंची

नयी दिल्ली, 14 सितंबर पेट्रोलियम, विनिर्मित उत्पादों, खनिज तेलों के महंगा होने से अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मामूली रूप से बढ़कर 11.39 प्रतिशत पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आयी।

दो महीने की नरमी को समाप्त करते हुये थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़ी और लगातार पांचवें महीने दहाई अंक में बनी रही। एक महीना पहले जुलाई में यह 11.16 प्रतिशत और एक साल पहले अगस्त में 0.41 प्रतिशत थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "अगस्त 2021 में मुद्रास्फीति के बढ़ने की वजह मुख्य रूप से पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिज तेलों; कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस; मूल धातुओं जैसे विनिर्मित उत्पादों; खाद्य उत्पादों; वस्त्रों; रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में हुई वृद्धि है।"

खाद्य पदार्थों की यदि बात की जाये तो इस समूह की महंगाई लगातार चौथे महीने कम हुई। जुलाई में शून्य प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में यह (-) 1.29 प्रतिशत थी। हालांकि, इस दौरान प्याज और दालों की कीमतों में वृद्धि हुई।

प्याज की महंगाई 62.78 प्रतिशत, जबकि दालों की महंगाई 9.41 प्रतिशत बढ़ी। सब्जियों के मामले में इसमें कमी आयी और यह अगस्त में (-) 13.30 प्रतिशत थी।

कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की महंगाई अगस्त में 40.03 प्रतिशत बढ़ गयी।

विनिर्मित उत्पादों की महंगाई अगस्त में 11.39 प्रतिशत बढ़ी, जबकि जुलाई में यह 11.20 प्रतिशत थी। विनिर्मित उत्पादों की महंगाई लगातार चौथे महीने दोहरे अंकों में बनी रही।

रिजर्व बैंक ने पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर अपरिवर्तित रखा था। इसने 2021-22 के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो इसके पहले के 5.1 प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा है।

इससे पहले गत शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर चार महीने के सबसे निचले स्तर 5.3 प्रतिशत पर आ गयी, जो इससे पिछले महीने में 5.59 प्रतिशत थी। यह कमी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट की वजह से हुई।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि प्रमुख और मूल- थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अक्टूबर 2021 तक दो अंकों में रहने की उम्मीद है। उसके बाद वर्ष के अंत तक आधी हो जाएगी। अगस्त में आई मामूली बढ़त, अक्टूबर 2021 में मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा में यथास्थिति बने रहने के हमारे अनुमान में कोई बदलाव नहीं लाती है।

वहीं इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आधार प्रभाव के अलावा, अगस्त 2021 की थोक मुद्रास्फीति, ईंधन और ऊर्जा की महंगाई में हुई 26.1 प्रतिशत और विनिर्मित उत्पादों की महंगाई में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि से प्रेरित है।

ईंधन और ऊर्जा वर्ग में रसोई गैस, पेट्रोल एवं डीजल की महंगाई में क्रमशः 48.1 प्रतिशत, 61.5 प्रतिशत और 50.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।

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