कोलकाता, 14 सितम्बर पश्चिम बंगाल पुलिस ने ‘फेक न्यूज’ के प्रसार की समस्या से निपटने के लिए साइबर अपराध का पता लगाने में विशेषज्ञता रखने वाले पुलिस अधिकारियों के अलग-अलग कोर समूहों का गठन किया है। यह जानकारी राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को दी।
अधिकारी ने कहा कि कोर समूहों का गठन प्रत्येक पुलिस इकाई के लिए किया गया है जिसमें पुलिस जिले भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ये टीमें इस समस्या के समाधान के लिए 24 घंटे और सातों दिन काम करेंगी। ये टीमें ‘फेक न्यूज’ के स्रोत की पहचान करने का प्रयास करेंगी और गलत सूचना के प्रसार को रोकेंगी। इसके बाद ये पुलिस बल को ‘फेक न्यूज’ के स्रोत के बारे में सूचित करेंगी और विधिक प्रावधानाओं के तहत कदम उठाएंगी।’’
उन्होंने कहा कि अधिकारी कोलकाता पुलिस सहित छह पुलिस कमिश्नरेट, 12 पुलिस जिलों और 16 जिला पुलिस मंडलों में काम करेंगे।
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अधिकारी ने कहा कि साइबर अपराध का पता लगाने में विशेषज्ञता रखने वाले पुलिस कर्मियों को उनका कौशल बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पुलिस विभाग ने हाल ही में दो अतिरिक्त उप-निरीक्षकों को साइबर अपराध इकाइयों में तैनात किया है, जिनके पास कंप्यूटर विज्ञान का ज्ञान है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह पुलिस को सोशल नेटवर्किंग साइटों पर ‘फेक न्यूज’ के प्रसार के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया था जिसमें कहा गया था दुर्गा पूजा उत्सव के पांच दिनों के दौरान मुख्य रूप से कोविड-19 परिस्थितियों के कारण रात में कर्फ्यू लगाया जाएगा।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्वीट किया था, ‘‘दुर्गा पूजा को लेकर एक अफवाह व्हाट्सएप के माध्यम से फैलाई जा रही है। ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कृपया इस संदेश को आगे न भेजें। यह फर्जी है। कार्रवाई की जा रही है।’’
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