TMC के दबाव में पश्चिम बंगाल पुलिस आसानी से मामले दर्ज नहीं करती: एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की पुलिस तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दबाव में आसानी से मामले दर्ज नहीं करती है और इसकी वजह से महिलाओं को अधिक परेशानी होती है. रेखा शर्मा ने टीएमसी की ओर से सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर किए गए एक पोस्ट के जवाब में यह बात कही.

NCW chief Rekha Sharma

नयी दिल्ली, तीन जनवरी : राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की पुलिस तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दबाव में आसानी से मामले दर्ज नहीं करती है और इसकी वजह से महिलाओं को अधिक परेशानी होती है. रेखा शर्मा ने टीएमसी की ओर से सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर किए गए एक पोस्ट के जवाब में यह बात कही. टीएमसी ने पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें दर्ज होने की रिपोर्ट का हवाला दिया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 16,109 शिकायतें दर्ज की गईं, जो कुल मामलों का लगभग 55 प्रतिशत है.

तृणमूल कांग्रेस ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ भारत के राष्ट्रीय महिला आयोग के एक और चौंकाने वाले आंकड़े के मुताबिक, पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें दर्ज की गईं, जिसमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 16,109 शिकायतें दर्ज की गईं - जो कुल मामलों का लगभग 55 प्रतिशत है. एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ऐसे घृणित आंकड़ों पर चुप क्यों हैं, जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है? क्या चिंताएं और मुद्दे भाजपा की सुविधा के अनुसार उठाए गए हैं या यह 'सुप्रीमो' से सवाल करने पर पद खोने का डर है? ’’ एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश का बचाव किया है. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़ जारी

रेखा शर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस बिना किसी राजनीतिक दबाव के काम करती है और मामले दर्ज करती है और इससे यह भी पता चलता है कि प्रदेश में महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति कितनी जागरूक हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के दबाव में पुलिस आसानी से मामले दर्ज नहीं करती है जिसके कारण महिलाओं को अधिक परेशानी होती है.’’ शर्मा ने कहा, ‘‘ इससे यह भी पता चलता है कि बंगाल में महिलाओं को अंधेरे में रखा जाता है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के कारण महिलाओं को उचित शिक्षा नहीं मिल पाती है और वे अपने अधिकारों के बारे में जागरूक नहीं हैं. ’’

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