नयी दिल्ली, 28 जून कोरोना वायरस संकट और चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत ने हमेशा से संकटों को सफलता की सीढ़ियों में परिवर्तित किया है, आपदाओं तथा चुनौतियों पर जीत हासिल की है और वह पहले से भी ज्यादा निखरकर निकला है।
आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात 2.0’ की 13वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि तमाम चुनौतियों के बावजूद देश इसी साल न लक्ष्य प्राप्त करेगा, नयी उड़ान भरेगा और नयी ऊंचाइयों को छुएगा।
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उन्होंने यह भी कहा कि संकट चाहे जितना भी बड़ा हो, भारत ने मुश्किल समय में दुनिया की मदद की और दुनिया ने भी भारत की इस ‘‘विश्व बंधुत्व’’ की भावना को महसूस किया है।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर, और ज्यादा निखरकर निकलने का रहा है। सैकड़ों वर्षों तक अलग- अलग आक्रांताओं ने भारत पर हमला किया, उसे संकटों में डाला, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, भारत की संस्कृति ही समाप्त हो जाएगी, लेकिन, इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया।’’
कोरोना वैश्विक महामारी को संपूर्ण ‘‘मानव जाति’’ पर आया ‘‘संकट’’ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब छह-सात महीने पहले यह संकट आया था तब किसी को पता नहीं था कि इसके खिलाफ़ चल रही लड़ाई इतनी लम्बी चलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ये संकट तो बना ही हुआ है, ऊपर से, देश में नित नयी चुनौतियां सामने आती जा रही हैं। अभी, कुछ दिन पहले, देश के पूर्वी छोर पर चक्रवात अंफान आया, तो, पश्चिमी छोर पर चक्रवात निसर्ग आया। कितने ही राज्यों में हमारे किसान भाई–बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं, और कुछ नहीं, तो, देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सबके बीच ‘‘हमारे कुछ पड़ोसियों’’ द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा, संकटों को सफलता की सीढ़ियों में परिवर्तित किया है। इसी भावना के साथ हमें आज भी आगे बढ़ते ही रहना है। आप भी इसी विचार से आगे बढ़ेंगे, 130 करोड़ देशवासी आगे बढ़ेंगे तो यही साल देश के लिए नए कीर्तिमान बनाने वाला साल साबित होगा। इसी साल में, देश, नए लक्ष्य प्राप्त करेगा, नयी उड़ान भरेगा, नयी ऊंचाइयों को छुएगा। मुझे, पूरा विश्वास, 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति पर है, आप सब पर है, इस देश की महान परम्परा पर है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाकई, एक-साथ इनती आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हालत तो ये हो गयी है, कि, कोई छोटी-छोटी घटना भी हो रही है, तो, लोग उन्हें भी इन चुनौतियों के साथ जोड़कर के देख रहें हैं।’’
आपदाओं और अन्य चुनौतियों को लेकर आम जनमानस के बीच चल रही चर्चा का विस्तार से जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि एक साल में एक चुनौती आए या पचास चुनौतियां आएं, नंबर कम-ज्यादा होने से कोई साल ख़राब नहीं हो जाता।
मोदी ने कोरोना वायरस संकट के दौरान भारत की वैश्विक भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि संकट चाहे जितना भी बड़ा हो, भारत के संस्कार, नि:स्वार्थ भाव से सेवा की प्रेरणा देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज, शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है। दुनिया ने इस दौरान भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है।’’
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