India Pakistan War: युद्ध किसी मुद्दे का समाधान नहीं, आपसी बातचीत से मुद्दे सुलझाने चाहिए: पर्सनल लॉ बोर्ड

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के मद्देनजर कहा है कि देशों को आपसी बातचीत से मुद्दों को सुलझाना चाहिए क्योंकि युद्ध किसी मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता।

नयी दिल्ली, नौ मई : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के मद्देनजर कहा है कि देशों को आपसी बातचीत से मुद्दों को सुलझाना चाहिए क्योंकि युद्ध किसी मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता. बोर्ड ने एक प्रस्ताव में आतंकवाद पर चिंता भी जताई और कहा कि वह देश की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले हर कदम का समर्थन करता है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों की बृहस्पतिवार एक ऑनलाइन बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव को काफी चिंता की नजर से देखता है. यह राष्ट्र और उसके लोगों की रक्षा और सुरक्षा के लिए उठाए गए हर आवश्यक कदम का समर्थन करता है और इस बात पर जोर देता है कि इस महत्वपूर्ण समय में जनता, राजनीतिक दलों, सशस्त्र बलों और सरकार को इन खतरों का सामना करने के लिए एक साथ आना चाहिए.’’

बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद और निर्दोष नागरिकों की हत्या गंभीर चिंता का विषय है और इस्लाम के मान्यता प्राप्त सिद्धांतों और मानवीय मूल्यों में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है. उसने कहा, ‘‘देशों को अपने मामले द्विपक्षीय बातचीत और चर्चा के जरिए सुलझाने चाहिए. यह भी एक सच्चाई है कि युद्ध किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं है, खासकर परमाणु हथियारों की मौजूदगी में, भारत और पाकिस्तान युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकते.’’ बोर्ड का कहना था कि ऐसा संघर्ष दोनों देशों के लोगों को असहनीय कठिनाइयों और पीड़ा में डाल सकता है, इसलिए सभी मुद्दों को बातचीत और अन्य कूटनीतिक माध्यमों से सुलझाया जाना चाहिए. यह भी पढ़ें : ‘Let’s Win the Fight Against Fake News’: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और भ्रामक दावों की बाढ़ के बीच PIB ने क्या करें और क्या न करें की सूची साझा की

प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपना ‘वक्फ बचाओ अभियान’ जारी रखेगा. हालांकि मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसकी सार्वजनिक सभाएं और कार्यक्रम अगले एक सप्ताह (16 मई तक) के लिए स्थगित किए गए हैं. बोर्ड ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ छोटे कार्यक्रम, जैसे साथी नागरिकों के साथ गोलमेज बैठकें, अंतरधार्मिक संवाद, मस्जिदों में कुतबे, जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टरों के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत करना और संवाददाता सम्मेलन, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेंगे.

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