पटना, दो अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को बिहार में भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे युवा मतदाताओं को जागरूक करें कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने के बाद ही राज्य को ‘‘जंगल राज’’ से बाहर निकाला जा सका।
लोकसभा चुनाव से पहले ‘नमो ऐप’ के माध्यम बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के दौरान मोदी ने इस बात के प्रचार की आवश्यकता पर भी जोर दिया कि ‘‘बिहार में 3.5 करोड़ गरीब लोग भाजपा नीत केंद्र सरकार के 10 वर्षों के शासन के दौरान गरीबी से बाहर आए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा नौ करोड़ लोग मुफ्त राशन योजना से लाभान्वित होंगे और लगभग तीन करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना के माध्यम मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन मिले हैं। लोगों को इन चीजों के बारे में बार-बार बताया जाना चाहिए।’’
भाजपा का बिहार में चार अन्य दलों के साथ गठबंधन है।
प्रधानमंत्री ने सहयोगी दलों को भी समन्वय में काम करने और मतदाताओं को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘‘राजग के पक्ष में उनका हर वोट मोदी के लिए होगा।’’
लगभग एक घंटे तक चली वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत के दौरान मोदी ने राजनीतिक विरोधियों का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘शक्ति’’ टिप्पणी का जिक्र करते हुए मोदी ने दावा किया, ‘‘मैं शक्ति का उपासक हूं। लेकिन इंडी-गठबंधन के लोग शक्ति को नष्ट करना चाहते हैं, जिसका अर्थ दैवीय शक्ति है। अगर ये लोग सत्ता हासिल कर लेंगे तो क्या तबाही मचाएंगे, ये लोगों को बताना होगा।”
माता सीता की जन्मस्थली मिथिला क्षेत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो मिथिला के लोग सबसे अधिक प्रभावित दिखे। उन्हें हमेशा याद दिलाना चाहिए कि ऐसे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया था कि भगवान राम कभी अस्तित्व में थे और कभी नहीं चाहते थे कि मंदिर का निर्माण हो।’’
उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस टिप्पणी का जिक्र करते हुए बिहार में विपक्षी राजद-कांग्रेस गठबंधन पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया कि केंद्र द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपये में से केवल 15 पैसे ही लोगों तक पहुंच पाते हैं।
मोदी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के लगभग 15 वर्षों के शासन का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, ‘‘उसके बाद बिहार में जंगल राज आ गया था। 15 पैसे के बारे में भूल जाईये, पूरा रुपया खा जाते थे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहली बार के ऐसे मतदाता जो ‘जंगल राज’ के दौरान पैदा नहीं हुए होंगे, को यह बताना जरूरी है कि हमारे सहयोगी नीतीश कुमार (जदयू अध्यक्ष) के नेतृत्व में राजग ने कैसे चीजों को बदल दिया।’’
लोगों से बातचीत के दौरान स्थानीय ओं में बोलने की अपनी रुचि को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन भोजपुरी में अभिवादन के साथ शुरू किया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
भाजपा का बिहार में चार अन्य दलों के साथ गठबंधन है।
प्रधानमंत्री ने सहयोगी दलों को भी समन्वय में काम करने और मतदाताओं को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘‘राजग के पक्ष में उनका हर वोट मोदी के लिए होगा।’’
लगभग एक घंटे तक चली वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत के दौरान मोदी ने राजनीतिक विरोधियों का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘शक्ति’’ टिप्पणी का जिक्र करते हुए मोदी ने दावा किया, ‘‘मैं शक्ति का उपासक हूं। लेकिन इंडी-गठबंधन के लोग शक्ति को नष्ट करना चाहते हैं, जिसका अर्थ दैवीय शक्ति है। अगर ये लोग सत्ता हासिल कर लेंगे तो क्या तबाही मचाएंगे, ये लोगों को बताना होगा।”
माता सीता की जन्मस्थली मिथिला क्षेत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो मिथिला के लोग सबसे अधिक प्रभावित दिखे। उन्हें हमेशा याद दिलाना चाहिए कि ऐसे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया था कि भगवान राम कभी अस्तित्व में थे और कभी नहीं चाहते थे कि मंदिर का निर्माण हो।’’
उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस टिप्पणी का जिक्र करते हुए बिहार में विपक्षी राजद-कांग्रेस गठबंधन पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया कि केंद्र द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपये में से केवल 15 पैसे ही लोगों तक पहुंच पाते हैं।
मोदी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के लगभग 15 वर्षों के शासन का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, ‘‘उसके बाद बिहार में जंगल राज आ गया था। 15 पैसे के बारे में भूल जाईये, पूरा रुपया खा जाते थे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहली बार के ऐसे मतदाता जो ‘जंगल राज’ के दौरान पैदा नहीं हुए होंगे, को यह बताना जरूरी है कि हमारे सहयोगी नीतीश कुमार (जदयू अध्यक्ष) के नेतृत्व में राजग ने कैसे चीजों को बदल दिया।’’
लोगों से बातचीत के दौरान स्थानीय ओं में बोलने की अपनी रुचि को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन भोजपुरी में अभिवादन के साथ शुरू किया।
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