देहरादून, 30 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल उत्तराखंड की झांकी 'मानसखंड' को इस साल प्रथम स्थान मिला है, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इसके लिये बधाई दी है।
धामी ने इस उपलब्धि को 'गौरवशाली पल' बताया और कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है।
उन्होंने कहा कि स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है जिसमें जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है और सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि 'मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना' इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है जिसके तहत गढ़वाल क्षेत्र में चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्वयं इस वर्ष की उत्तराखंड की झांकी का विषय 'मानसखंड' सुझाया था ।
झांकी में देवदार के घने जंगलों से घिरे पौराणिक जागेश्वर धाम, प्रसिद्ध कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, राष्ट्रीय पक्षी मोर, प्रदेश के पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल तथा कुमाऊं की प्रसिद्ध ऐपण कला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपण कला में ही लिखा गया था।
प्रदेश की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए झांकी के साथ मनोहारी छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया जबकि झांकी के ऊपर योग करते हुए भी दिखाया गया ।
पिथौरागढ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती के लिखे गीत 'जय हो कुमाऊं, जय हो गड़वाला' को झांकी का थीम सांग बनाया गया ।
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