Sanskrit Education in Madrasas: उत्तराखंड मदरसा बोर्ड प्रदेश में 400 से अधिक मदरसों में वैकल्पिक तौर पर संस्कृत शिक्षा लागू करने की योजना बना रहा है. उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई ’ को बताया, ‘‘हम इस योजना पर पिछले कुछ समय से काम कर रहे हैं. इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और अगर इसे राज्य सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गयी तो इसे लागू कर दिया जाएगा.
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने इस फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मदरसा जाने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़े जाने की इच्छा के अनुरूप ऐसा किया जा रहा है. यह भी पढ़े: मदरसों में बच्चों को नहीं मिल रही अच्छी शिक्षा! UP मदरसा एक्ट 2004 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, NCPCR ने दाखिल किया हलफनामा
उत्तराखंड के मदरसों में अब संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी:
कासमी ने कहा, ‘‘प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पाठयक्रम लागू करने से इस साल बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं.
मुस्लिम समाज का विरोध:
वहीं मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने बोर्ड के इस फैसले का विरोध किया है. लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि दूसरे अन्य संस्थाओं में संस्कृत पढ़ाना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए .