प्रयागराज, 6 दिसंबर : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के लिए निर्माण कार्य भी पूरे जोर शोर से हो रहे हैं और स्वच्छ तथा स्वस्थ महाकुंभ के विजन को साकार करने के लिए जल निगम और अन्य सरकारी विभाग पूरी क्षमता से कार्यरत हैं. एक ओर तो जल निगम महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था कर रहा है जबकि पूरे मेला क्षेत्र के अपशिष्ट निस्तारण की जिम्मेदारी भी विभाग की ही है. राज्य के प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों पर पारंपरिक पुष्प वर्षा के माध्यम से आध्यात्मिक अनुभव को बढ़ाने की योजनाएं चल रही हैं. दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम अगले महीने जनवरी में प्रयागराज में शुरू हो रहा है.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उप्र जल निगम (शहरी) ने महाकुंभ क्षेत्र में 1,50,000 शौचालयों का निर्माण करते हुए एक महत्वाकांक्षी स्वच्छता अभियान शुरू किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महाकुंभ खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बना रहे. मेले के दौरान उत्पन्न होने वाले कीचड़ के प्रबंधन के लिए, उन्नत बुनियादी ढांचे को तैनात किया जा रहा है, जिसमें तीन अस्थायी अपशिष्ट उपचार संयंत्र (एसटीपी), नैनी और झूंसी में स्थायी एसटीपी और अरैल में एक मल कीचड़ उपचार संयंत्र शामिल हैं. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र: सीमा शुल्क और सीबीआई के फर्जी अधिकारी बनकर साइबर ठगों ने व्यक्ति से 59 लाख रुपये ठगे
जल निगम विभाग के अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि महाकुंभ के अपशिष्ट निस्तारण के लिये भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) की मदद से मेला क्षेत्र में तीन अस्थाई एसटीपी बनाए गये हैं. इन एसटीपी तक अपशिष्ट पहुंचाने का कार्य विभाग के नौ सेसफुल व्हीकल और सीवेज पाइप लाइन करेंगी. जल निगम में इसके लिए चार हजार लीटर क्षमता के चार, तीन हजार लीटर के तीन और एक हजार लीटर के दो सेसफुल व्हीकल मेला क्षेत्र में नियमित रूप से अपशिष्ट निस्तारण का कार्य करेंगे.