लखनऊ, 22 फरवरी : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किये गये बजट को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने युवा, महिला, गरीब, किसान हर वर्ग की आकांक्षाओं पर खरा उतरने वाला बजट करार दिया है. वहीं, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के स्वार्थ के लिए वादों का पिटारा खोला गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने बुधवार को ट्वीट किया, ''अंत्योदय को समर्पित एवं उत्तर प्रदेश के समग्र विकास से समावेषित यह बजट निःसंदेह गरीब, किसान, महिला, युवा, समेत समाज के समस्त वर्ग की आकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाला है.''
चौधरी ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह बजट उत्तर प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने इसे आजादी के ‘अमृत काल’ के प्रथम वर्ष में नए उत्तर प्रदेश की परिकल्पना को संकल्पित लोकहित एवं जनकल्याणकारी, उत्कृष्ट व अप्रत्याशित बजट बताते हुए आभार प्रकट किया. यह भी पढ़ें : UP Budget 2023: बजट में मेडिकल सेक्टर को मिला 20 हजार करोड़ से अधिक का तोहफा
बजट को राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने ‘दिशाहीन और निराशाजनक’ करार देते हुए कहा है कि यह बजट न तो वर्तमान समस्याओं का समाधान पेश करता है और न ही भविष्य के किसी भी फैसले को आगे ले जाने का कोई रास्ता दिखाता है. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए पेश किये गये बजट को 'ऊंट के मुंह में जीरा' करार देते हुए इसे जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा कहा है.