नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर भारत में दूरसंचार और बिजली जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए चीन से आयातित प्रमुख वस्तुओं जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कंप्यूटर हार्डवेयर और रसायनों का उपयोग किया जाता है। सरकार के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि चीन से आयातित ये वस्तुएं कच्चे माल के रूप में हैं। इनका उपयोग तैयार माल के उत्पादन के लिए किया जाता है और निर्यात भी किया जाता है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चीन को निर्यात पिछले वित्त वर्ष में मामूली रूप से बढ़कर 21.25 अरब डॉलर हो गया। यह 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर था, जबकि आयात 2020-21 में लगभग 65.21 अरब डॉलर से बढ़कर 94.16 अरब डॉलर हो गया।
इसके अलावा 2021-22 में व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 44 अरब डॉलर था।
चीन के सीमा शुल्क विभाग द्वारा जारी व्यापार आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 14.6 प्रतिशत बढ़कर 103.63 अरब डॉलर हो गया।
चीन से आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे, कंप्यूटर हार्डवेयर, दूरसंचार उपकरण, कार्बनिक रसायन, डेयरी के लिए औद्योगिक मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और थोक दवाएं हैं।
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