मुंबई, 27 जुलाई अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि अपेक्षा के अनुरूप है और उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगा। विशेषज्ञों ने यह बात कही।
एक्सिस सिक्योरिटीज पीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि उम्मीद के अनुकूल है।
उन्होंने कहा, ‘‘नीतिगत दर में बड़े स्तर पर वृद्धि और मुद्रास्फीति की चुनौतियों के कम होने को ध्यान में रखते हुए, अभी प्रमुख ब्याज दर में बढ़ोतरी की आवश्यकता नहीं है। दर में और वृद्धि आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं के लिए हानिकारक हो सकती है जिससे मुश्किल स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है।’’
एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक राधिका गुप्ता ने कहा कि नीतिगत दर में वृद्धि उम्मीद के अनुकूल है। अमेरिकी और भारतीय बाजारों ने मजबूती दिखाया है।
उन्होंने कहा कि बहरहाल, फेडरल रिजर्व के बयान के अनुसार उसने भविष्य में नीतिगत दर में वृद्धि का विकल्प खुला रखा है।
कोटक महिंद्रा बैंक की इकाई कोटक चेरी के मुख्य कार्यकारी श्रीकांत सुब्रमण्यम ने कहा कि पिछली 12 नीतिगत बैठकों में यह 11वीं बढ़ोतरी है और एक और बढ़ोतरी की तैयारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपूर्ति में कटौती और चीन में पुनरुद्धार की उम्मीद के साथ कच्चे तेल के दाम में फिर से तेजी देखी जा रही है, इसके साथ जुलाई और अगस्त के मुद्रास्फीति आंकड़ों को देखना महत्वपूर्ण होगा।’’
सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत के संदर्भ में बारिश के कारण सब्जियों के दाम में तेजी और कच्चे तेल के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति दबाव बढ़ सकता है।
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