वाणिज्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी में गिरावट मंदी का संकेत है। हालांकि, आंकड़ा अभी स्थायी नहीं है, इसमें बदलाव हो सकता है।
जीडीपी में गिरावट का आंकड़ा ऐसे समय जारी किया गया है,जब बढ़ती महंगाई और कर्ज की ऊंची लागत के कारण उपभोक्ता तथा कंपनियां प्रभावित हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व (केंद्रीय बैंक) ने बुधवार को लगातार दूसरी बार नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की।
हालांकि, फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल और कई अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में कुछ नरमी जरूर है, लेकिन उन्हें मंदी को लेकर संदेह है। इसका कारण श्रम बाजार में मजबूती है। 1.1 करोड़ नई नौकरियों के अवसर उपलब्ध हुए हैं और बेरोजगारी दर 3.6 प्रतिशत है जो अपेक्षाकृत काफी कम है।
पिछले साल अमेरिकी की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी।
एपी
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