नयी दिल्ली, 26 जुलाई महंगाई, कुछ आवश्यक पदार्थों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से मंगलवार को भोजनावकाश से पहले राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।
हंगामे के कारण आज भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल चलाया। हालांकि इस दौरान भी कार्यवाही 15 मिनट के लिए बाधित हुई। प्रश्नकाल समाप्त होते ही उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद जब 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, विपक्षी सदस्यों ने महंगाई और जीएसटी जैसे मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग करते हुए हंगामा शुरु कर दिया।
हंगामे के बीच जैविक उर्वरक, आयुष चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा, सागरमाला परियोजना और जीएसटी सहित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों ने सवाल किए और संबंधित मंत्रियों ने इनके जवाब भी दिए।
उपसभापति ने आसन के समक्ष आकर हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने-अपना स्थान पर लौट जाएं और प्रश्नकाल के दौरान व्यवधान ना पैदा करें।
हालांकि सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
उन्होंने सदस्यों के इस आचरण को ‘‘अशोभनीय’’ करार दिया और कुछ सदस्यों को सदन में ‘पोस्टर’ लहराने पर चेतावनी भी दी।
जब सदस्यों का हंगामा नहीं थमा तब उन्होंने दोपहर 12:05 बजे सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
पंद्रह मिनट बाद जब कार्यवाही फिर से आरंभ हुई तो वही नजारा था। कुछ विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी कर रहे थे।
हंगामे के बीच ही उपसभापति ने प्रश्नकाल पूरा किया और फिर कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, पूर्वाह्न 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने के दस मिनट के भीतर ही कार्यवही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति एम वेंकैया नायडू ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
उन्होंने सदन को बताया कि कई सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा कराने के लिए नोटिस दिए हैं लेकिन उन्होंने सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया है।
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया। सभापति ने सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा ‘‘क्या आप कुछ भी नहीं सुनना चाहते...?’’
हंगामे के कारण नायडू ने सदन की कार्यवाही 11 बज कर छह मिनट पर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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