नयी दिल्ली, छह दिसंबर राज्यसभा में शुक्रवार को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उच्च सदन में विपक्षी सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 रूपये के नोट की गड्डी मिलने पर काफी हंगामा किया जिसके कारण बैठक को अपराह्न दो बजकर चार मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
भोजनावकाश के बाद अपराह्न दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने सदन में गैर सरकारी कामकाज शुरू करवाने की घोषणा की। शुक्रवार को उच्च सदन में भोजनावकाश के बाद बैठक शुरू होने पर गैर सरकारी कामकाज किया जाता है।
हरिवंश ने कहा कि आज सदन में निजी संकल्प पर विचार किया जाएगा। इसी बीच सदन में हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के सदस्य उच्च सदन में कल एक विपक्षी सदस्य की सीट के पास नोटों की गड्डी मिलने के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करवाते हुए कहा कि ऐसा अवसर कभी-कभी आता है कि ‘आप अपने समय का सदुपयोग अच्छी तरह से करें। यह आप सभी (सदस्यों) का समय है।’
उन्होंने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल बहाव को अपना निजी संकल्प पेश करने को कहा। बहाव ने देश में न्यायिक अधिकारियों पर काम के भारी बोझ को कम करने से संबंधित एक प्रस्ताव को पेश करते हुए उसके बारे में कुछ बोलना शुरू किया।
हंगामे के कारण बहाव की बात सुनने में नहीं आ सकी। उपसभापति ने दोनों पक्षों के सदस्यों से शांति बनाये रखने और गैर सरकारी कामकाज चलने देने के लिए कहा। किंतु सदन में हंगामा थमते न देख उन्होंने अपराह्न दो बजकर चार मिनट पर बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले सदन में प्रश्नकाल सामान्य ढंग से चला। शून्यकाल में भी विभिन्न सदस्यों ने लोकमहत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाया।
शून्यकाल शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को सूचित किया कि बृहस्पतिवार को उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एंटी सेबोटाज टीम (तोड़फोड़ निरोधक दस्ता) को नियमित जांच के दौरान कांग्रेस के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली।
इसे लेकर कुछ देर सदन में हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक भी हुई।
सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने राज्यसभा में उनकी सीट से ‘‘500 रुपये के नोटों की गड्डी मिलने’’ की बात पर हैरानी जताई और कहा कि इस तरह के मामलों पर राजनीति होना हास्यास्पद है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह सदन में जाते हैं तो उनके पास 500 रुपये का एक नोट होता है और अगर सुरक्षा से जुड़ा कोई विषय है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
धनखड़ ने सदन को अवगत कराया कि सीट संख्या 222 के पास मिली नोटों की गड्डी पर आज सुबह तक जब किसी ने दावा नहीं किया तो उन्होंने सदन की परिपाटी का पालन करते हुए इसकी जांच सुनिश्चित की।
उन्होंने कहा, ‘‘कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने संभवत: सीट संख्या 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की। यह सीट फिलहाल तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जांच चल रही है।’’
सभापति ने कहा कि एक गड्डी 500 रुपये के नोटों की है और ऐसा लगता है कि इसमें 100 नोट हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नोट असली हैं या नकली।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा कर्तव्य था और मैं सदन को सूचित करने के लिए बाध्य हूं। यह एक नियमित एंटी सेबोटाज जांच है, जो करवायी जाती है।’’
धनखड़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कोई इन नोटों पर दावा करेगा, लेकिन अभी तक किसी ने दावा नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह अर्थव्यवस्था की उस स्थिति को दर्शाता है जिसमें लोग (नोटों की गड्डी को) भूल सकते हैं।’’
इसके बाद इस मुद्दे पर सदन में कुछ देर हंगामा भी हुआ और इसकी शुरुआत सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से की गई।
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मामले की यदि जांच हो रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक सदस्य के नाम को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था।
सभापति धनखड़ ने कहा कि जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने पता करवाया कि उक्त सदस्य बृहस्पतिवार को सदन में आए थे कि नहीं। उन्होंने पाया कि उक्त सदस्य ने हस्ताक्षर पुस्तिका (डिजिटल) पर हस्ताक्षर किए थे।
धनखड़ ने कहा कि इस मामले में उनकी तरफ से ‘न्यूनतम’ कदम उठाया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सभापति ने सीट संख्या और उस पर बैठने वाले सदस्य का उल्लेख किया है और इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसमें (नाम लेने पर) कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सदन में नोटों की गड्डी मिलना उपयुक्त नहीं है।
रीजीजू ने कहा, ‘‘आज डिजिटल जमाना है और कोई इतने सारे नोट लेकर नहीं चलता। इसकी जांच होनी चाहिए।’’
सदन के नेता जे पी नड्डा ने इसे असाधारण घटना बताया और कहा कि इसकी प्रकृति ‘बहुत गंभीर’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पक्ष और विपक्ष के विभाजित होने का मुद्दा नहीं है। यह सदन की गरिमा पर चोट है। सदन के कृतित्व पर प्रश्नचिह्न है।’’
उन्होंने विस्तृत जांच का भरोसा जताते हुए कहा कि ‘‘दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।’’
विपक्षी सदस्यों पर तंज कसते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘कुछ मुद्दों पर आप उत्सुकता दिखाते हैं जबकि अन्य मुद्दों पर आप पर्दा डालना चाहते हैं।’’
खरगे ने इस पर आपत्ति जताई और पलटवार करते हुए कहा, ‘‘नड्डा जी क्यों कह रहे हैं कि हम मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं...हमने तो ऐसा कुछ नहीं किया। आप ऐसा करते हैं, हम ऐसा नहीं करते।’’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तो नोटों की गड्डी मिली है... हम नहीं जानते कि उस तरफ और क्या-क्या मिल सकता है।’’
गोयल ने किसी का नाम लिए बिना विपक्ष पर ‘फर्जी विमर्श’ को मुद्दा बनाकर संसद की कार्यवाही बाधित करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सत्र दर सत्र देख रहे हैं कि ये फर्जी कथाओं और फर्जी विमर्शों को लेकर आते हैं और ... विपक्ष के नेता और अनैतिक गठबंधन के नेताओं ने सदन को बाधित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे विदेशी रिपोर्टों के आधार पर अपनी बात रखते हैं और सदन को ठप कर देते हैं। क्या इसमें भी कोई साजिश है? लोगों को इस बात की चिंता करनी होगी कि फर्जी विमर्श को आगे बढ़ाने के लिए किसी तरह का लेन-देन तो नहीं होता है।’’
धनखड़ ने तब कहा कि विपक्ष के नेता ने जांच के दायरे में चल रहे एक मामले पर आपत्ति जताई है, जबकि गोयल ने सुझाव दिया है कि इसे एक सामान्य नियम बनाया जाना चाहिए।
नड्डा ने तब सुझाव दिया कि सदन को एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए जिसमें उल्लेख हो कि सदन की कार्यवाही कभी बाधित नहीं होनी चाहिए।
रीजीजू ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को भी आश्वासन देना चाहिए कि वे अनावश्यक रूप से सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करेंगे।
माधव ब्रजेन्द्र मनीषा
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)