देश की खबरें | उप्र : मंत्रियों का निजी सचिव बनकर अनधिकृत पैरवी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो गिरफ्तार

लखनऊ, 13 अप्रैल उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल के जरिये मुख्यमंत्री और मंत्रियों के निजी सचिव के रूप में विभिन्न उच्चाधिकारियों के सीयूजी नंबर को प्रदर्शित कर अनधिकृत पैरवी करने वाले गिरोह के दो आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि वीओआईपी कॉल के माध्यम से विभिन्न उच्चाधिकारियों (उप्र सरकार के मुख्यमंत्री के निजी सचिव, लोक निर्माण मंत्री के निजी सचिव व ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री के निजी सचिवों) के सीयूजी नम्बर को (कॉल स्पूफिंग) प्रदर्शित कराकर अधिकारियों से अनधिकृत पैरवी करने वाले मास्टरमाइंड सहित दो अभियुक्तों को लखनऊ में अयोध्या मार्ग के कमता तिराहे से गिरफ्तार किया गया है।

बयान के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अयोध्या जिले के रौनाही थाना क्षेत्र के पिरखोली निवासी अन्वेष तिवारी और कप्तान तिवारी के रूप में हुई है। इनमें अन्वेष को ‘सरगना’ बताया गया है।

बयान के मुताबिक आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम, उत्तर प्रदेश मीडिया डायरेक्टरी (इसी के माध्यम से अधिकारियों के नम्बर प्राप्त करता था) और नकदी बरामद की गयी है।

बयान में कहा गया कि एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से वीओआईपी कॉल के माध्यम से फोन कर विभिन्न उच्च अधिकारियों के सीयूजी नम्बर को प्रदर्षित कराकर अनाधिकृत पैरवी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। काफी छानबीन के बाद गिरोह की गतिविधि पता चलने पर शनिवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में गिरोह के सरगना अन्वेष तिवारी ने बताया कि उसने 2018 में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या से एमसीए करने के बाद 2023 में खुद की कम्पनी बनायी और अब तक उसने स्कूल व वित्तीय तकनीक के लगभग तीन हजार साफ्टवेयर बनाये हैं।

उसने बताया कि 2022 में इंटरनेट के माध्यम से उसे 'इंडीकॉल' ऐप की जानकारी मिली जिसके माध्यम से किसी भी नम्बर को प्रदर्शित कर कॉल किया जा सकता था।

अन्वेष तिवारी ने बताया कि उसने इसकी जानकारी अपने चाचा कप्तान तिवारी को दी और इसके बाद फोन करके अधिकारियों से काम कराने लगा। आरोपियों ने इस माध्यम से की गयी अपनी पैरवी का भी ब्योरा पूछताछ के दौरान साझा किया है।

बयान के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ लखनऊ पुलिस आयुक्तालय के थाना चिनहट में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

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