जयपुर, 27 दिसंबर राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालय नयी शिक्षा नीति के सभी सुधारों का शीघ्र कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।
मिश्र ने कहा कि यह नीति रोजगारोन्मुखी और कौशल संवर्धन से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली तो है ही, साथ ही भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित भी है।
राज्यपाल मिश्र सोमवार को राजभवन में कुलपति समन्वय समिति की बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए संसाधन सृजन करने के उपाय खोजने के लिए विशेष प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आजादी आंदोलन में स्थानीय स्तर पर अहम योगदान देने वाली विभूतियों के बारे में प्रदर्शनी और गोष्ठियां आयोजित करके जागरूकता फैलाने का कार्य विश्वविद्यालयों को करना चाहिए।
सरकारी बयान के अनुसार मिश्र ने सभी विश्वविद्यालयों को अपने यहां ‘उत्कृष्टता केंद्र’ स्थापित करने और उनके जरिये अधुनातन शिक्षण पद्धतियों से उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सामाजिक सहभागिता के तहत गांव गोद लेकर वहां विभिन्न स्तरों पर राज्य सरकार के विभागों के सहयोग से सुविधाओं का विकास करके उन्हें ‘स्मार्ट गांव’ के रूप में विकसित करने का भी सुझाव दिया। मिश्र ने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में विशेष योग्य विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए भी एकीकृत नीति अपनायी जाए।
स्कूल शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने सभी विश्वविद्यालयों को 25 वर्ष का क्रमबद्ध ‘मास्टर प्लान’ तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय अपने पास उपलब्ध विस्तृत भूमि पर कृषि नवाचार करके अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर सकते हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राज्य पोषित विश्वविद्यालय प्रदेश की धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि इनके सुदृढ़ीकरण और गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर पूरा सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति एवं कुलसचिव आपसी समन्वय से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए कार्य करें।
कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता राज्य मंत्री अशोक चांदना ने खेलों को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों और सम्बद्ध महाविद्यालयों में खेलों के लिए उचित माहौल और सुविधाएं विकसित की जाएं।
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