जयपुर, 25 नवम्बर राजस्थान के राज्यपाल व राज्य विश्चविद्यालयों के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने बुधवार को कहा कि कृषि उद्यमों में कृषि शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ायी जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति की मंशा के अनुरूप अद्यतन करते हुए उसमें ज्ञान विज्ञान एवं तकनीकी के नए आयामों को सम्मिलित करें।
मिश्र जोबनेर के श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को अपने ‘एग्री-बिजनेस सेंटर’ द्वारा युवाओं को नेटवर्किंग और कृषि आधारित स्टार्टअप स्थापित करने के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस तरह के व्यावहारिक पाठ्यक्रम बनाए जिससे खेतों मे काम करने वाले किसानों से संवाद कर उनके परम्परागत ज्ञान को शिक्षण में लागू किया जा सके।
उन्होंने भारतीय खेती को अधिक उत्पादक, आकर्षक एवं रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों से शिक्षण, अनुसंधान और प्रसार शिक्षा के जरिए प्रभावी प्रयास किए जाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने खेतों में फसल उगाने वाले किसानों को ‘कृषि वैज्ञानिक’ बताते हुए कहा कि पुरखों से सीखे उनके ज्ञान, खेती आधारित व्यावहारिक अनुभवों का लाभ कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को खेतों में जाकर लेना चाहिए।
मिश्र ने कहा कि किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता अभी भी बड़ी चुनौती है, इसे स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय संस्थागत प्रयास करें।
उन्होंने इस दौरान प्रदेश के श्रेष्ठ कृषि वैज्ञानिक पद्मभूषण डॉ. आर.एस. परोदा को डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि भी प्रदान की।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)