नयी दिल्ली, 21 नवंबर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें कथित तौर पर बदनाम करने के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मुकदमा चलाया जाए।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने शेखावत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा की दलीलें सुनीं, जिन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेता गहलोत के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।
पाहवा ने मंगलवार को आरोप पर अपनी बहस पूरी कर ली।
अदालत अब पांच दिसंबर को सुनवाई करेगी, जब उसके द्वारा कांग्रेस नेता की आगे की दलीलें सुनने की संभावना है। अदालत ने कथित संजीवनी घोटाले से शेखावत के जुड़ाव को लेकर कांग्रेस नेता की टिप्पणी के लिए शेखावत की शिकायत के बाद सात अगस्त को गहलोत को तलब किया था।
यह ‘‘घोटाला’’ संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा अत्यधिक आकर्षक रिटर्न के वादे पर हजारों निवेशकों से कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये ठगे जाने से संबंधित है।
कांग्रेस नेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने यह कहते हुए समय मांगा कि वह मामले में गहलोत को तलब करने के खिलाफ अपनी अर्जी पर सत्र अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद अदालत ने मामले को पांच दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी की ओर से बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा है कि मामले का फैसला सत्र अदालत द्वारा किए जाने के बाद ही उन्हें अपनी दलीलें पूरी करने की अनुमति दी जाए, जहां समन आदेश को चुनौती दी गई है। मुझे गुप्ता की दलीलों में दम नजर आता है। इसलिए मामले को पांच दिसंबर तक के लिए स्थगित किया जाता है।’’
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