देश की खबरें | केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मप्र के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा के निलंबन को रखा बरकरार
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

भोपाल, 29 अक्टूबर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा के निलंबन को बरकरार रखा है।

मध्य प्रदेश सरकार ने शर्मा को पत्नी की पिटाई करने के मामले में 29 सितंबर को निलंबित किया था।

यह भी पढ़े | Maharashtra Extends Lockdown till Nov 30: कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने मिशन ‘स्टार्ट अगेन’ के साथ 30 नवंबर तक बढाया लॉकडाउन.

मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को बुधवार को भेजे गये एक पत्र में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शर्मा के निलंबन की पुष्टि को मंजूरी दे दी। इसके अलावा, केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को शर्मा के खिलाफ 27 नवंबर तक आरोपपत्र दाखिल करने की सलाह भी दी है।

शर्मा के 28 सितंबर को सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक वीडियो में वह अपनी पत्नी के साथ अपने घर में कथित तौर पर मारपीट करते दिख रहे थे। वहीं उनकी पत्नी द्वारा रिकार्ड किये गये दूसरे वीडियो में शर्मा एक क्षेत्रीय टेलीविजन चैनल की महिला एंकर के घर में बैठे हुए दिखाई पड़ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि पत्नी के वहां पहुंचने के बाद शर्मा वहां से निकल जाते हैं और शर्मा की पत्नी एंकर के घर का मुआयना करती और पूछताछ करती दिखाई दे रही हैं।

यह भी पढ़े | भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने मेरे उपर लगाए रिश्वत के आरोप के संबंध में कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है और माना कि उनका आरोप राजनीति से प्रेरित था-सतेंद्र जैन.

इसके बाद घरेलू हिंसा और अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों के मानदंडों का उल्लंघन करने के मामले में दिये गये कारण बताओ नोटिस पर शर्मा का जवाब असंतोषजनक पाये जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें विशेष महानिदेशक के पद से निलंबित किया।

केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को भेजे गये पत्र के बारे में पूछे गये सवाल पर शर्मा ने कहा, ‘‘यह एक प्रक्रिया है। मैं अपना जवाब दूंगा और अदालत का दरवाजा भी खटखटाऊंगा।’’

मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद शर्मा ने कहा था कि यह पारिवारिक विवाद है और इसे हम आपस में अपने घर में सुलझा लेंगे।

शर्मा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि उनका निलंबन रद्द किया जाए। हालांकि, उनकी दलील पर विचार नहीं किया गया।

इस मामले में वह केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में भी गये थे। लेकिन कैट ने उनके निलंबन को यह कहते हुए बरकरार रखा था कि यह निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी कदम है।

शर्मा ने कहा कि उनकी याचिका अभी कैट के पास लंबित है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)