मुंबई, 29 अक्टूबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को आरोप लगाया कि मराठा आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र और केंद्र सरकारों की अकर्मण्यता के कारण समुदाय में बेचैनी पैदा हो गई है।
पवार ने यहां एक समारोह में कहा कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग को अन्य समुदायों के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना स्वीकार किया जाना चाहिए।
राकांपा प्रमुख ने कहा कि वह जरांगे से तब मिले थे जब उन्होंने पिछले महीने अनशन किया था । उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र और केंद्र सरकार ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर तत्काल निर्णय नहीं लिया जिससे समुदाय में बेचैनी पैदा हो गई।
पवार ने कहा, ‘‘एक पार्टी के तौर पर भी हमारा रुख स्पष्ट है। दूसरे समुदायों के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना जरांगे की मांग पूरी की जानी चाहिए। समय की मांग यह सुनिश्चित करना है कि कोटा की मांग उचित तरीके से पूरी हो।’’
मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
विरोध प्रदर्शन के दूसरे चरण के तहत आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के 25 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने के बाद आंदोलन तेज हो गया। उनकी अपील पर कई गांवों ने राजनीतिक नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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